हरी घास का नाम सुनकर हमारे जहन में पशुओं को दी जाने वाली हरे चारा का ख्याल आता है. क्योंकि, हरा चारा दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य तथा दूध उत्पादन के लिए काफी उपयोगी होता है. लेकिन आज हम पशुओं की नहीं मानव शरीर के लिए घास के फायदों के बारे में बताएंगे -
दूर्वा घास (दूब घास ):
यह घास 2 से 4 इंच लम्बी और चमकदार होती है. और ये ज्यादातर बारिश के मौसम में ही हरी होती है और ज्यादा गर्मी में यह सूखने लग जाती है. इसे शास्त्रों में पवित्र घास माना गया है. इसका ज्यादातर उपयोग जानवरों के चारे के लिए किया जाता है.
सेवन की मात्रा : इसका सेवन जानवरों के साथ – साथ मानव शरीर के लिए भी बहुत लाभकारी है.
काढ़ा के रूप में इसका सेवन : 40 -80 मि.ली
पत्तियों के चूर्ण के रूप में इसका सेवन : 1 -3 ग्राम
जड़ के चूर्ण के रूप में इसका सेवन : 3 -6 ग्राम
चलिए जानते है इसके फायदों के बारे में :
मुँह के छाले :
अगर आपके मुँह में बहुत छाले होते है तो आप इस घास का काढ़ा बनाकर 3 -4 बार गरारे करे. इससे आपके छाले दूर हो जाएंगे.
खूनी बवासीर :
अगर आपको खूनी बवासीर जैसी खतरनाक रोग है तो आप इस घास के पत्ते, तने और जड़ों को दही में पीसकर खाए. अगर आप ऐसा करते है तो आप कुछ समय में ही आप इस समस्या से निजात पा लेंगे.
मानसिक रोग :
अगर आपके शरीर में ज्यादा गर्मी या जलन महसूस हो तो आप इस घास का रस अपने शरीर पर लगाए इससे आपके शरीर को ठंडक महसूस होगी और आप जल्द ही इस समस्या से निजात पा जाएंगे.
आँखों की रोशनी :
अगर आपकी नज़र कमजोर हो रही है तो आप रोज़ाना सुबह उठ कर घास पर चले. इससे आपके आंखे अच्छा महसूस करेंगी और आपकी दृष्टि भी तेज़ होगी.