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Updated on: 21 June, 2023 12:00 AM IST
यह जड़ी बूटी आपको रखेगी हमेशा ताजगी से भरा हुआ.

आज हम बात करेगें अटीविश (Ativish) के पौधे की. अटीविश (Ativish) जड़ी-बूटी, जिसे वैजयंती, नागरमोथा या सालडोगरी भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाने वाली एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है. इसका वैज्ञानिक नाम Aconitum heterophyllum है. यह पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है और इसका उपयोग दवाईयों में और पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचारों में किया जाता है. यह पौधा हमारे शरीर के लिए एक दो नहीं बल्कि बहुत से रोगों में काम आने वाली जड़ी बूटी का काम करती है. तो चलिए जानते हैं कि यह किन-किन रोगों में हमको लाभ पहुंचाती है.

अटीविश की जड़ पर्याप्त मात्रा में विषाक्त होती है और इसलिए इसका सेवन सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए. इसके प्रमुख औषधीय गुणों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ्लेमेट्री और आंत्र-संक्रमण को ख़त्म करने वाले गुण शामिल हैं. यह चक्कर आना, बुखार, खोपड़ी के दर्द, जोड़ों के दर्द और मस्तिष्क संबंधी बीमारियों में प्रयोग किया जाता है.

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अटीविश के औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग निम्नलिखित रोगों और स्थितियों के उपचार के लिए किया जाता है:

गांठ और सूजन में लाभकारी: अटीविश में मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री गुण के कारण यह गांठ को कम करने में मदद कर सकता है. यह जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायक होता है.

सिर के दर्द में देता है आराम: अटीविश को सिर के दर्द के उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके सेवन से मस्तिष्क संबंधी दर्द में राहत मिल सकती है.

आंत्र-संक्रमण: अटीविश एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण पाचन तंत्र के संक्रमण के उपचार में मददगार साबित होता है. यह पेट की समस्याओं, जैसे कि डायरिया और उलटी, के उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है.

चक्कर आना: अटीविश में मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री, एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण यह चक्कर आने के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है. इसका सेवन ताजगी और ताकत को बढ़ाने में मदद करता है.

यदि किसी व्यक्ति को इस जड़ी-बूटी के उपयोग के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए, तो उन्हें एक आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह लेनी चाहिए. वैद्य उनके स्वास्थ्य के आधार पर सही मात्रा और उपयोग बता सकेंगे.

English Summary: Ativish This plant increases strength and freshness in the body, know and in which diseases it is beneficial
Published on: 21 June 2023, 12:43 IST

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