घृत कुमारी को लेकर लोगों में काफी ज्यादा दिलचस्पी होती है। यही वजह है कि उसके उत्पादों की मांग भी काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। कॉस्मेटिक, ब्यूटी, प्रोडक्टस, टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। डिमांड के बढ़ जाने के साथ ही एलोवेरा की खेती को लेकर किसानों के बीच यह डिमांड भी बढ़ी है। जानकारों के मुताबिक एलोवेरा की खेती से लाखों का बिजनेस आसानी से किया जा सकता है. और इससे किसानों को बढ़िया मुनाफा होता है।
होगी लाखों की कमाई
जो किसान एलोवेरा की खेती कर रहे हैं। उन्होंने पहले से ही किसी कंपनी से समझौता कर लिया होता है बाद में कंपनियां पैदावार के बाद किसानों से एलोवेरा की पत्तियां खरीद लेती हैं. वहीं कुछ किसान हैं जिन्होंने एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली है. ऐसे किसान एलोवेरा का पल्प निकाल कर कंपनियों को बतौर कच्चा माल बेच रहे हैं. एलोवेरा की 1 एकड़ खेती से आसानी से सालाना 5 से 7 लाख रुपये कमाए जा सकते हैं. वहीं प्रोसेसिंग यूनिट में 6 लाख रुपये से 7 लाख रुपये का निवेश करके 20 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की कमाई भी होने की पूरी संभावना है. पतंजलि सहित कई आयुर्वेदिक कंपनियां एलोवेरा खरीदती हैं।
एलोवेरा खेती में बरतें सावधानी
किसान एलोवेरा की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते है। इसके प्रोडक्ट के सहारे आप अच्छी कमाई आसानी से प्राप्त कर सकते है। हालांकि किसानों को कापी सावधानी बरतनी पड़ती है. किसानों को कंपनियों से समझौता करने के बाद ही एलोवेरा की खेती करने करा कार्य करना चाहिए ताकि पैदावार के बाद उनको किसी भी तरह से बाजार न ढूंढना पड़ें। साथ ही किसानों को चाहिए कि इसके पल्प ही कंपनियों को बेचे पत्तियों को न बेचे. बरसात और ठंड के मौसम में एलोवेरा के खेती में अधिक पानी के आवश्यकता नहीं होती. हालांकि गर्मी में 15 दिन में एक बार पानी जरूर देना चाहिए. जानकार 8 से 18 महीने में पहली कटाई करने की सलाह देते हैं. वहीं एलोवेरा की कटी पत्तियों को 4-5 घंटे में प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचना जरूरी है।
एलोवेरा खेती अहम बातें
कॉनट्रैक्ट फार्मिग के सहारे खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए एफसीसीआई से लाइसेंस लेकर इसका बिजनिस आसानी से शुरू कर सकते है.CIMAP में इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है. साथ ही निर्धारित फीस जमा करने के बाद ट्रेनिंग लिया जा सकता है।