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Updated on: 4 June, 2025 12:00 AM IST
पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई (Pic Credit - Shutter Stock)

Papaya Farming Methods: भारत में फलों की खेती करने वाले किसानों के लिए मई और जून का महीना बहुत खास होता है. खासतौर से उत्तर भारत के किसानों के लिए यह समय पपीते (Papaya) की खेती शुरू करने का सबसे बेहतर वक्त होता है. पपीता एक ऐसा फल है जो कम देखभाल और कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देता है, और इसकी मांग बाजार में हर समय बनी रहती है. यही वजह है कि पपीते की खेती आज किसानों के लिए एक फायदे का सौदा बन चुकी है. इस लेख में हम आपको पपीते की खेती से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे, जिसमें किस्म का चयन, नर्सरी की तैयारी, पौधों की रोपाई, खाद-सिंचाई और मुनाफे तक की सभी बातें शामिल हैं.

बहुउपयोगी और सेहतमंद फल

पपीता एक बहुउपयोगी फल है जिसे सलाद, जूस, सब्जी, जैम और अचार के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके सेवन से पाचन क्रिया सुधरती है, कब्ज में राहत मिलती है और यह लीवर व हृदय की सेहत के लिए लाभकारी माना गया है. पपीते की खेती में एक बार निवेश करने पर लगातार दो साल तक फसल मिलती है, जिससे किसानों को निरंतर कमाई होती रहती है.

पपीते की उन्नत किस्में

बेहतर उत्पादन के लिए सही किस्म का चयन बेहद जरूरी होता है. पपीते की कुछ प्रमुख और उन्नत किस्में इस प्रकार हैं:

  • पूसा नन्हा
  • सूर्या
  • पूसा जायंट
  • पूसा डेलिशियस
  • रेड लेडी 786
  • सीओ–2 और सीओ–5

इन किस्मों में अधिक उत्पादन की क्षमता होती है और रोगों के प्रति प्रतिरोधकता भी अच्छी होती है.

कैसे करें नर्सरी की तैयारी

  • खरपतवार हटाएं और क्यारी बनाएं: खेत की जुताई कर खरपतवार को हटा लें. फिर 3 से 4 इंच की दूरी पर क्यारियां बनाएं.
  • क्यारी का उपचार: बीज बोने से पहले क्यारी को 10% फार्मेल्डिहाइड घोल से उपचारित करें.
  • बीज शोधन: बीजों को केप्टान दवा से उपचारित कर छाया में सुखाएं.
  • बीज बुवाई: बीजों को आधा सेमी गहराई में, 1 इंच की दूरी पर बोएं.
  • सिंचाई: हर 2–3 दिन में फव्वारा विधि से हल्की सिंचाई करें.
  • मुख्य खेत में पौध लगाना: जब पौधे 20–25 सेमी बड़े हो जाएं, तब उन्हें मुख्य खेत में रोपें.

खेत की तैयारी ऐसे करें

  • जुताई: खेत में 12 ट्रॉली गोबर की खाद डालकर ट्रैक्टर, कल्टीवेटर और रोटावेटर से अच्छी तरह जुताई करें.
  • समतलीकरण: लेजर लैंड लेवलर की मदद से खेत समतल करें ताकि पानी का ठहराव न हो.
  • गड्ढों की तैयारी: 5 फीट चौड़ी क्यारियों में 50X50X50 सेमी के गड्ढे 5 X 1.5 मीटर की दूरी पर बनाएं.
  • रासायनिक उपचार: हर गड्ढे में 30 ग्राम बीएचसी 10% पाउडर मिलाएं और 15 दिन तक खुला छोड़ दें.

पपीते की रोपाई कब और कैसे करें?

  • जब पौधे 6 से 8 इंच लंबे हो जाएं और उनमें 3 से 4 पत्ते आ जाएं, तब उन्हें गड्ढों में रोपें.
  • पौधों के बीच की दूरी 8 मीटर रखें.
  • रोपाई सुबह या शाम के समय करें.
  • गड्ढे की मिट्टी में सड़ी हुई गोबर खाद और 1 किलो नीम खली मिलाएं.
  • रोपाई के बाद पौधों को अच्छी तरह ढकें ताकि जड़ें सुरक्षित रहें.

खाद और सिंचाई प्रबंधन

सिंचाई:

  • रोपाई के बाद रोज दोपहर को हल्की सिंचाई करें.
  • गर्मियों में सप्ताह में 2–3 बार और सर्दियों में 7–10 दिन में एक बार सिंचाई करें.

खाद:

  • हर पौधे को साल में 20–25 किलो गोबर की खाद दें.
  • सूक्ष्म पोषक तत्वों के रूप में जिंक सल्फेट 5% और बोरेक्स 0.1% का छिड़काव करें.

पपीते की पैदावार और मुनाफा

  • पहली तुड़ाई: रोपाई के 9 से 10 माह बाद शुरू होती है.
  • पैदावार: एक पेड़ से 80 किलो से 5 क्विंटल तक फल मिल सकते हैं.

लागत और मुनाफा

  • एक एकड़ में लगभग 700 से 750 पौधे लगाए जा सकते हैं.
  • लागत लगभग 5 लाख रुपये आती है.
  • 2 साल में एक एकड़ से 10 से 12 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.
English Summary: papaya cultivation methods high profit earn 12 lakhs per acre full guide
Published on: 04 June 2025, 05:20 IST

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