Fruits Farming Tips: देश में लगभग मानसून ने दस्तक दे ही दी है और कई राज्यों में अच्छी खासी बरसात भी हो रही है. ऐसे में किसान मानसून का पूरा फायदा उठाने के लिए तैयार हैं. भारत के अधिकतर किसान पारंपरिक खेती को छोड़ कर गैर- पारंपरिक खेती करना पसंद कर रहे हैं. ज्यादातार किसान फलों की खेती करके कम समय में काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते है, विदेशी फलों की खेती से भी आप तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपके लिए 4 ऐसे विदेशी फलों की जानकारी लेकर आए है, जिन्हें आप अपने खेत में लगाकर मालामाल हो सकते हैं.
ड्रैगन फ्रूट
भारत में ड्रैगन फ्रूट की लोकप्रियता काफी बढ़ती जा रही है. ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है. किसानों के बीच ड्रैगन फ्रूट को पिताया के नाम से भी पहचाना जाता है. यह पोषणीय होने के साथ-साथ एक आकर्षक फल भी है, इसका सबसे अधिक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्पादन किया जाता है. इस फल की खेती किसान करने कम समय और कम पानी के साथ कर सकते हैं, जिससे खेती में लाभ मिलते हैं. ड्रैगन फ्रूट को उगाने के लिए जमीन के अंदर सीमेंट के खंभे लगाए जाते हैं, जिसके बाद इन खंभों के सहारे ही इसके पौधे लगाए जाते हैं. ड्रैगनफ्रूट की खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 30 डिग्री माना जाता है और अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक ही होना चाहिए. इसकी खेती में किसान का लगभग एक एकड़ में 4 से 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है, लेकिन इसके पौधों से दो गुना मुनाफा कमाया जा सकता है.
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कीवी
कीवी का फल छोटा और हरे रंग का होता है, यह फल स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. कीवी का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, इससे पाचन तंत्र को लाभ मिलता है और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद मिलती है. इस फल की खेती ऊंचाई वाले क्षेत्रों में की जाती है, जहां ठंडी हवा आसानी से पहुंच सके, क्योंकि गर्म हवा कीवी के फल को नुकसान पहुंचा सकती है. किसान इसकी खेती गहरी, दोमट, बलुई दोमट या हल्की अम्लीय मिट्टी में कर सकते हैं. एक हेक्टेयर में किसान कीवी की खेती करके 10 से 15 टन फल प्राप्त कर सकते हैं. कीवी का सेवन डेंगू (Dengue) जैसी गंभीर बीमारी में काफी लाभदायक माना जाता है, इसलिए बाजारों में इस फल की मांग अधिक रहती है और इनकी कीमत ज्यादा होती है. किसान कीवी की खेती करके काफी अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
स्ट्रॉबेरी
स्ट्रॉबेरी दिखने के साथ-साथ स्वाद में भी लाजवाब होती है. इस फल की खेती ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है. देश में स्ट्रॉबेरी की खेती उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है, लेकिन बदलते वक्त के साथ अन्य राज्यों में भी स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है. बता दें, इसका पौधा कुछ ही दिनों में फल देने के लिए परिपक्व हो जाता है. स्ट्रॉबेरी की बुवाई के लिए सितंबर और अक्टूबर महीने को उपयुक्त माना जाता है. बुवाई से लगभग एक सप्ताह पहले आपको इसके खेत की अच्छे से जुताई करनी चाहिए और बाद में इसकी मिट्टी में गोबर से बनी खाद को अच्छे से मिलाना चाहिए. आपको इसके खेत में कीटनाशक के तौर पर पोटाश और फास्फोरस का उपयोग करना चाहिए. देश के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.
एवोकाडो
एवोकाडो फल की देश में तेजी से लोकप्रियता बढ़ रही है, इस फल में कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. एवोकाडो को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, इसमें विटामिन बी, सी, ई, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. एवोकाडो में 4% प्रोटीन और 30% वसा होता है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा पाई जाती है. यह फल किसी भी फल की तुलना में अधिक ऊर्जा वाला होता है. एवोकाडो के पौधे के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें यह पनपते हैं. तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पूर्वोत्तर हिमालयी राज्यों के क्षेत्र में हर साल लगभग 7000 टन एवोकाडो का उत्पादन किया जाता है. इस फल की कीमत इसके प्रकार और गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है. कहीं इस फल का मूल्य अधिक, तो कहीं कम भी हो सकता है. एवोकाडो फल के लगभग 1 किलोग्राम की कीमत 200 से 300 रुपये के बीच हो सकती है.