Mentha cultivation: पुदीना की खेती मि्ट्टी में तो की ही जाती हैं. आज हम आपको इसकी खेती हाइड्रोपोनिक तरीके से करने के बारे में बताने जा रहे हैं. यह एक काफी लोकप्रिय हाइड्रोपोनिक तकनीक है. इस तरीके से उगाए गए पुदीने में विशिष्ट सुगंध और मीठा स्वाद भी होता है. आइए आज हम पुदीना को पानी में यानी की हाइड्रोपोनिक तरीके से खेती के बारे में बताते हैं.
तापमान
हाइड्रोपोनिक तरीके से पुदीना की खेती करने के लिए उचित प्रकाश, पोषक, तापमान और आर्द्रता की जरुरत होती है. इस वैज्ञानिक तकनीक में पुदीना की खेती करने के लिए छोटी-छोटी बारीकियों का ध्यान रखना होता है. हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पारंपरिक मिट्टी की तुलना में कम समय लेती है.
बीजाई
पुदीने की शुरुआत बीज के माध्यम से की जाती है. आमतौर पर इसे कटिंग, क्लोन या रूटस्टॉक के माध्यम से बोया जाता है. पुदीने के अच्छे उपचार के लिए रॉकवूल और वर्मीक्यूलाईट को संतुलित पानी में 45 मिनट के लिए भिगो दें. इससे यह पर्याप्त नमी सोख लेगा, जिससे इनको उगने में आसानी होगी.
रोपाई
जब बीज अपनी पत्तियां प्रदर्शित करने लगते हैं, तो पौधों को हाइड्रोपोनिक सिस्टम में प्रत्यारोपित किया जा सकता है. नमीयुक्त रोपाई के लिए इसके पौधों को छोटे-छोटे बाक्स में लगाना होता है. इससे पौधे को पूरी तरह से विकसित होने में 3 सप्ताह का समय लग जाता है.
देखभाल
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से उगाई जाने वाली सब्जियों को खास देखभाल की जरुरत होती है. इसके लिए पानी की लगातार व्यवस्था, सफाई, तापमान और पानी के माध्यम से उर्वरक को पौधे की जड़ों तक पहुंचाना होता है.
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पैदावार
पारंपरिक तरीके से खेती की तुलना में हाइड्रोपोनिक्स में पुदीना का उत्पादन ज्यादा होता है. ऐसे में किसान भाई इस वैज्ञानिक तरीके से पुदीना की खेती करते हैं तो उनकी पैदावार तो अच्छी होगी ही और साथ में कमाई का तरीका भी बढेगा.