मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 27 May, 2020 12:00 AM IST

जून से सितंबर तक का महीना लोकाट की बिजाई के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है. यह एक सदाबहार वृक्ष है जो कि 5-6 मीटर तक लम्बा हो सकता है. भारत में लोकाट की खेती के लिए दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य प्रसिद्ध हैं. हालांकि इसकी खेती महाराष्ट्र, आसाम, और उत्तर प्रदेशों आदि राज्यों में भी बड़े स्तर पर की जाती है.

मांग

लोकाट की मांग कई कारणों से बाजार में वर्ष भर बनी रहती है. इसको स्वास्थ्य के लिए अति लाभकारी माना गया है. त्वचा के लिए बनने वाले उत्पादों में अधिकतर इसका उपयोग होता ही है. इसके अलावा आंखों की नज़र, भार को कम करने एवं ब्लड प्रैशर को नियंत्रित करने के लिए इसका उपयोग होता है. यह दांतों और हड्डियों के लिए भी फायदेमंह है.

मिट्टी

लोकाट की खेती के लिए रेतली दोमट मिट्टी का होना सबसे अधिक फायदेमंद है. इसमें जैविक तत्व उच्च मात्रा में होते हैं, जो इस वृक्ष के विकास में सहायक हैं.

खेती की तैयारी

इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेतों की जतोई करते हुए उन्हें समतल बना दें. मिट्टी के भुरभुरा होने तक 2-3 गहरी जोताई करना सही है.

बिजाई

जून से सितबंर के महीनों के बीज पौधे से पौधों की दूरी 6-7 मीटर रखते हुए बिजाई करें. बीजों को 1 मीटर की गहराई में रोपाना सही है. बिजाई के लिए प्रजनन विधि का प्रयोग सबसे अधिक फायदेमंद है.

सिंचाई

जरूरत को देखते हुए आप इसकी सिंचाई कर सकते हैं. बरसात के मौसम में इसको अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती. तुड़ाई के वक्त 3 से 4 सिंचाई करें.

तुड़ाई

रोपाई के तीसरे वर्ष बाद फल आने शुरू हो जाते हैं. फलों के पूरी तरह पकने पर तीखे यंत्र से तुड़ाई करना बेहतर है. तुड़ाई के बाद छंटाई करें.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: loquat farming is good for farmers know more loquat cultivation
Published on: 27 May 2020, 07:04 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now