Exotic Fruit Farming In India: देश के अधिकतर किसान कम समय में अच्छी कमाई के लिए पारंपरिक खेती से हटकर गैर-पारंपरिक खेती में हाथ अजामा रहे हैं. ज्यादातार किसान विदेशी फलों की खेती करना पंसद कर रहे हैं. भारत में विदेशी फलों की मांग मार्केट में दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों के लिए इनकी खेती अच्छा खासा विकल्प बनकर उभर रही है. इन्हीं में से एक पैशन फ्रूट (Passion fruit) भी है, जिसे दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है. भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य जैसे- असम, नागालैंड और मणिपुर में इस विदेशी फल की खेती की जा रही है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, पैशन फ्रूट की खेती कैसे की जाती है?
किसानों के लिए है मुनाफे का सौदा
पैशन फ्रूट में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है, इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं. इस फल के गुणों के चलते ही मार्केट में इसकी मांग और कीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही है. देश के नोर्थ ईस्ट के हिस्सें से हटकर भी अब कई राज्यों में किसान पैशन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. इस फल को 700 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जा सकता है, जिससे मध्यम और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में भी इस विदेशी फल की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. इस विदेशी फल को देश के कई राज्यों में कृष्णकमल फल के नाम से जाना जाता है.
कैसे होती है पैशन फ्रूट की खेती?
पैशन फ्रूट की खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस माना जाता है. किसान इस फल की खेती बीज और कटिंग दोनों ही विधि के साथ कर सकते हैं. इसके फल से बीज को निकालकर सुखाया जाता है और इसे मार्च-अप्रैल के महीनें में पॉलीहाउस में बोया जाता है. वहीं अगर कटिंग करके इसका पौधा उगाना होता है, तो ऐसे में इसकी बेल के एक हिस्से को काटकर पॉलीबैग में लगाया जाता है. इन दोनों ही विधियों में पैशन फ्रूट की बेल को तैयार होने में लगभग 4 महीनों का समय लग जाता है.
10 साल तक होगी कमाई
पैशन फ्रूट की बुवाई करने के लिए खेत में लगभग 45 सेमी का गड्ढा (पीट) बनाना होता है, जिसमें काफी अच्छी मात्रा में कम्पोस्ट को डाला जाता है. ऐसा करने से पैशन फ्रूट की बेल को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं. इसकी बुवाई के लगभग 10 महीने बाद बेल पूरी तरह से विकसित हो जाती है, और इसमें फूल आने शुरू हो जाते हैं. इसके 7 से 8 महीनों बाद इस बेल में फल आने शुरू हो जाते हैं. किसान एक बार पैशन फ्रूट की बुवाई करके 10 सालों तक इसकी बेल से फल प्राप्त कर सकते हैं.