गर्मियों के मौसम में आम खाकर जो मजा मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं. आम की मिठास व खुशबू हमेशा दिल को छू लेती है. फलों का राजा कहे जाने वाले आम में कई पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. जिनमें पोटेशियम, विटामिन ई व सी, और आयरन शामिल हैं. इनसे शरीर को काफी फायदा मिलता है. इसके अलावा इसमें कोलेस्ट्रॉल और सोडियम की मात्रा कम होती है. कुछ विषेशज्ञों का मानना है कि आम खाने से शरीर का वजन भी कंट्रोल रहता है. वैसे तो बाजार में आम की कई किस्में उपलब्ध हैं. उसमें भी दशहरी आम का हमारे देश में बड़ा नाम है. लेकिन आज जिस आम के बारे में हम बताने जा रहे हैं, वह दशहरी सहित दुनिया के सभी आमों की मिठास के मामले में फेल कर देगा. तो आइये उसपर एक नजर डालें.
उत्तर प्रदेश से निकली पहली खेप
जिस आम की हम बात कर रहे हैं, उसका नाम 'अब्दुल्ला ग्रेट' है. हमारे देश में उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद से इस आम की पहली खेप निकली है. इस इलाके में एक नर्सरी है, जिसका नाम 'अब्दुल्लाह नर्सरी' है. यहीं से अब्दुल्ला ग्रेट आम का उत्पादन होता है. इस नर्सरी में एक 120 साल पुराना आम का पेड़ है. जिसकी खासियत की बात करें तो कि इस पेड़ पर 300 किस्म के आम निकलते हैं. उसमें ही एक 'अब्दुल्ला ग्रेट' नाम का आम भी फलता है. जो मिठास के मामले में दुनिया के सभी आमों को फेल कर देता है. इस आम का स्वाद लाजवाब है. एक बार चखने के बाद इसे बार-बार खाने का मन करेगा. इसमें गुठली बहुत छोटी होती है.
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ऐसे पड़ा अब्दुल्ला ग्रेट आम का नाम
अब्दुल्ला ग्रेट आम का नाम मलिहाबाद में मैंगो मैन से मशहूर कलीमुल्लाह खान के पिता जी के नाम पर पड़ा है. इस आम को इनाम भी मिल चुका है. बता दें कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश का यह अब्दुल्ला ग्रेट आम आजकल काफी लोकप्रिय बन गया है. उसी प्रकार, हमारे देश में अगर आम के सबसे लोकप्रिय किस्मों की बात होती है तो हिमसागर का नाम भी उसमें शामिल किया जाता है. इस आम का बड़े पैमाने पर उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है.
बाजार में इसकी कीमत भी बाकी आमों की तुलना में आसमान छूती है. खाने में यह बहुत मीठा होता है. इसकी खुशबू भी बहुत अलग होती है. बाजार में हिमसागर आम मई के अंत या जून में दिखने लगते हैं. पश्चिम बंगाल के लोग कई पकवानों में भी इस आम का इस्तेमाल करते हैं.