75 एचपी रेंज में सबसे ताकतवर ट्रैक्टर, जो है किसानों की पहली पसंद हल्दी की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, आज है लाखों में कारोबार PMFBY: फसल खराब पर देश के कई किसानों को मिलता है मुआवजा, इस नंबर पर करें शिकायत खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 24 November, 2020 12:00 AM IST

भारत में मछलीपालन कैश क्रॉप के तौर तेजी से बढ़ रहा है. मछलीपालन किसानों के लिए एक अच्छी आय का जरिया बन सकता है. देशभर के प्रोग्रेसिव फॉर्मर इसलिए भी आकर्षित हो रहे हैं कि यह खेतीबाड़ी के अलावा ज्यादा मुनाफा देते हैं. सरकार भी इसके लिए कई योजनाएं चला रही है ताकि किसानों का रूझान मछली पालन की तरफ बढ़े. तो आइए जानते हैं मछली पालन के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी कैसे लें.

अधिक मुनाफे वाला धंधा

देश में नीली क्रांति के तौर मछली पालन तेजी से बढ़ रहा है. जहां पहले 600 एकड़ पर ही मछली पालन होता था वहीं यह बढ़कर अब 1350 एकड़ हो गया है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मछली पालन से किसानों को अन्य फसलों की तुलना में अधिक मुनाफा हो रहा है. जहां मछली पालन से सालभर में डेढ़ लाख रूपए तक का शुध्द मुनाफा मिल रहा है वहीं अन्य फसलों से किसानों को कम आय मिलती है. यही कारण है कि मछली पालन का धंधा तेजी से प्रफुल्लित हो रहा है. छोटे छोटे गांवों में भी तालाब लीज पर लेकर किसान मछली पालन कर रहे हैं. एक तरफ से इससे ग्राम पंचायतों को अतिरिक्त पैसा मिल रहा है तो दूसरी किसानों को आय का अतिरिक्त स्त्रोत मिल रहा है.

60 प्रतिशत की सब्सिडी

मछली पालक विकास एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्म सिंह का कहना है कि मछली पालन के लिए कुछ सालों पहले सीड की काफी कमी थी लेकिन अब यह आसानी से उपलब्ध है. वहीं मछली पालन के लिए जरूरी मशीनरी भी सरलता से उपलब्ध हो जाती है. मुर्गीपालन के दौरान सबसे बड़ी समस्या मुर्गियों में लगने वाली बीमारी है. लेकिन मछलियों में बीमारियां भी कम लगती है. मछली पालन का रूझान इसलिए भी बड़ा है कि सरकार भी इस पर अच्छी सब्सिडी प्रदान कर रही है. मछली पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह का कहना है कि मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार जनरल वर्ग को 40 प्रतिशत तो अनुसूचित जाति एवं महिलाओं को 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है. यह सब्सिडी सरकार आरएएस सिस्टमा, पूंग हैचरी और फिश फीड के लिए देती है. फसलों की तरह मछलियों  में कोई खास तरह की बीमारी नहीं लगती है. इस वजह से पालन फायदे का सौदा बनता जा रहा है. 

English Summary: up to 60 subsidy is spent on fisheries annual income of 150 lakhs
Published on: 24 November 2020, 02:33 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now