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Updated on: 18 March, 2023 12:00 AM IST
मछलियों में होने वाली बीमारियां और उनके उपचार

किसान मत्स्य पालन का बिजनेस कर इन दिनों बहुत मुनाफा कमा रहे हैं लेकिन ये मुनाफा कभी-कभी घाटे का सौदा बन जाता है. जी हां, अन्य जानवरों की तरह ही मछलियों में भी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में चलिए मछलियों में होने वाली कुछ बीमारियों और उनके इलाज के बारे में जानते हैं, जिसे अपनाकर मत्स्य पालक किसान मछलियों को बचाकर घाटे से बच सकते हैं.

मछलियों में होने वाली बीमारियां और उनके उपचार

काले चकत्तों की बीमारी

इस बीमारी में मछलियों के शरीर पर काले-काले चकत्ते दिखाई देने लगते हैं. इसे बचाने के लिए मछलियों को पिकरिक एसिड के घोल के पानी में एक घंटा तक नहलायें.

सफेद चकत्तों की बीमारी

इस बीमारी में मछलियों के शरीर पर सफेद चकत्ते नजर आते हैं. इसके उपचार के लिए कुनीन की दवाई का इस्तेमाल किया जा सकता है.

फिनराट की बीमारी

इस बीमारी से मछलियों के पंख पूरी तरह से गल जाते हैं. इससे बचाने के लिए मछलियों को नीला थोथा के घोल में दो से तीन मिनट नहलाया जाता है.

फफूंद

कई बार मछलियों के शरीर पर चोट आने से रगड़ के निशान पड़ जाते हैं, जिसके बाद उनके शरीर पर सफेद फफूंद दिखाई देने लगते हैं. इसके उपचार के लिए आप नीला थोथे के घोल और पोटेशियम परग्रेमनेंट के घोल से मछली को 10-15 मिनट तक नहला दें.

आंखों की बीमारी

आंखों की बीमारी मछलियों के लिए बेहद खतरनाक होती है क्योंकि इसमें उनकी आंखे पूरी तरह खराब हो जाती है. इसे बचाने के लिए मछलियों की आंखों में 2 प्रतिशत सिल्वर नाइट्रेट के घोल को धोकर पानी में छोड़ दें.

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आमतौर बीमारियां तालाब में मछली पालक किसानों द्वारा तालाब की नियमित सफाई नहीं करने की वजह से हो जाती हैं. साथ ही किसान तालाब में चूने की व्यवस्था भी सही तरीकें से नहीं करते हैं. अगर नियमित रूप से किसान तालाब की सफाई और चूने की सही व्यवस्था करें तो मछलियों में होने वाली कई तरह की बीमारियों की संभावना बेहद कम हो जाती है.

English Summary: These diseases occur in fish, fish farmers should treat like this, there will be no loss
Published on: 18 March 2023, 04:03 IST

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