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Updated on: 27 November, 2018 12:00 AM IST
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उत्तरांचल के किसानों और पशुपालकों के लिए एक राहत  की खबर आई है. अब यहां के पशुपालक, पशुपालन के साथ मत्स्य पालन भी कर पाएंगे. दरअसल उत्तरांचल सरकार मछलियों के तालाब बनाने के लिए 25 फीसद तक की छूट दे रही है, वहीं दूसरी तरफ एससी-एसटी (SC-ST) को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान दिया गया है. यह तोहफा बहुत जल्द ही राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाला है.

पहाड़ियों पर जंगली जानवर की बहुलता के वजह से किसान खेती से अपना मुँह मोड़ रहे है. यही वजह है अब पहाड़ो पर खेती धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है. कृषि और पशुपालन एक दूसरे के पूरक हैं, खेती सिमटने से पशुपालन पर भी अच्छा-खासा असर देखने को मिल रहा है. इसके मद्देनज़र केंद्र और राज्य सरकार खेती, पशुपालन और मत्स्य पालन को साथ-साथ करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.

अब जिला मत्स्य विभाग, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के इस पहल को स्वरोजगार के नजर से देख रही है. ग्रामीण इलाकों में मत्स्य पालन कार्य को अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है. योजना केंद्र पोषित है जिसमें 75 फीसद केंद्र और 25 फीसद राज्य सरकार अनुदान राशि दे रही है. सामान्य जाति को 20 फीसद और अन्य जातियों को 35 फीसद अनुदान दिया जा रहा है. इतना ही नहीं पर्वतीय क्षेत्र के एससी एससी-एसटी (SC-ST) लाभार्थीयों को 1 हेक्टेयर तालाब निर्माण के लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इसके लिए लाभार्थियों को केवल 10 फीसद ही राशि देनी होगी.

इस सब्सिडी को पाने के लिए तालाब को कृषि मंत्रालय भारत सरकार के मानकानुसार निर्माण करना होगा. फिश कल्चर तालाबों के निर्माण के लिए 0.01 हेक्टयेर क्षेत्र में 37,500 रुपये का तालाब बनाया जाएगा. जिसमें 20 प्रतिशत अनुदान देय होगा. इसके लिए दुर्घटना बीमा कोऑपरेटिव फैडरेशन नई दिल्ली के माध्यम से दुर्घटना बीमा योजना चलाई गई है. यदि मत्स्य पालक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार की 50,000 रूपये और अयोग्य होने पर 25,000 धनराशि बीमा के तौर पर दी जाएगी. इसके लिए युवा भी आगे आ सकते है.

 

स्त्रोत : मनोज मियान, बागेश्वर जिला मत्स्य अधिकारी

प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण

English Summary: Subsidy upto 90 percent for fisheries
Published on: 27 November 2018, 02:02 IST

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