आधुनिक खेती का स्मार्ट विकल्प है Yodha Plus Hybrid Bajra: कम समय और लागत में मिलता है ज्यादा मुनाफा! यूपी में 1 जुलाई से वन महोत्सव की शुरुआत, सरकार का 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य खुशखबरी! मशरूम की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी 50% तक सब्सिडी, जानें कैसे उठाएं योजना का लाभ किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 January, 2021 12:00 AM IST
Bargur cow

देशभर में पशुपालक गाय की कई नस्लों का पालन करते हैं, लेकिन शायद ही कोई पशुपालक गाय की हर एक नस्ल की जानकारी रखता होगा. जी हां, गाय की कई ऐसी नस्लें हैं, जिनके बारे में पशुपालकों ने न सुना होगा न देखा होगा, लेकिन कहीं न कहीं उनका पालन किया जाता है.

गाय की एक ऐसी ही नस्ल बारगुर (Bargur) है, जो कि मुख्य रूप से तमिलनाडु के इरोड जिले के भवानी तहसील के बारगुर (Bargur) की पहाड़ियों वाले क्षेत्र में पाई जाती है. यह मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्र में काम आती है, जहां गाय की बाकी नस्लें अनुपयोगी हो जाती है. इस वंश के नरों में गतिशीलता व सहनशाक्ति बहुत अधिक पाई जाती है. आइए आपको गाय की इस नस्ल की पूरी जानकारी देते हैं.

बारगुर गाय की संरचना (Structure of Bargur Cow)

गाय की यह नस्ल के शरीर पर सफेद रंग के धब्बे पाए जाते हैं, तो वहीं कुछ गाय सफेद और कुछ गहरे भूरे रंग की होती हैं. इन गाय का आकार छोटा एवं मध्यम होता है, तो वहीं माथा उन्नत होता है और सींगों का रंग हल्का भूरा होता है. इन गाय की लंबाई सामान्यता अच्छी होती है.

इनकी आंखें उन्नत एवं चमकदार पाई जाती हैं और कान लंबे व खड़े हुए होते हैं. इनके सींग पीछे की ओर को झुके हुए और नोंकदार होते हैं. इनकी गर्दन लंबी व पतली होती है. इन गायों के कूबड़ का आकार छोटा होता है, जबकि बैलों में कूबड़ पूरी तरह से विकसित होता है. गले की झालर पतली होती है.

बारगुर गाय से दूध उत्पादन (Milk production from bargur cow)

गाय की इस नस्ल के बांक एवं थन छोटे होते हैं, लेकिन चारों थन बराबर दूरी पर होते हैं. ये गाय कम दूध देने वाली होती हैं. इनका एक ब्यांत में दूध उत्पादन 250 से 1300 किग्रा प्रति 270 से 310 दिन में रहता है.

English Summary: Read information about Bargur cow
Published on: 23 January 2021, 05:48 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now