वर्षा ऋतु में मवेशियों की वैज्ञानिक देखभाल एवं प्रबंधन Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ! खुशखबरी! 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह, ऐसे कराएं किसान रजिस्ट्रेशन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 October, 2021 12:00 AM IST
Osmanabadi Goat Breeds in india

मौजूदा वक्त में बकरी पालन का व्यवसाय काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. बकरी की यह नस्ल महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के लातूर, तुलजापुर और उदगीर तालुकों की मूल निवासी है. इस नस्ल का नाम मूल स्थान उस्मानाबाद से लिया गया है.

उस्मानाबादी बकरियां मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर, लातूर, परभणी, उस्मानाबाद, सोलनपुर और कई अन्य जिलों में पाई जाती हैं. मगर आज बकरी की यह नस्ल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में कम पाई जा रही है.

उस्मानाबादी बकरी मांस और दूध उत्पादन (Meat And Milk Production) दोनों के लिए उपयुक्त है. यह मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए पाली जाती हैं, क्योंकि इस नस्ल में बेहतरीन गुणवत्ता वाले मांस पाया जाता हैं. भारत में उस्मानाबादी बकरी के मांस की गुणवत्ता की वजह से बहुत मांग है. इसके अलावा बेहतर गुणवत्ता वाली त्वचा भी पैदा करती है. इसकी बाजार में भारी मांग है. उस्मानाबादी बकरी को किसान असली नस्ल कहते हैं, क्योंकि इसके खाने और देखभाल पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है.

उस्मानाबादी बकरी की विशेषताएं (Features Of Osmanabadi Goat)

उस्मानाबादी बकरियां आकार में मध्यम से बड़ी होती हैं. उनके कोट का रंग बदलता रहता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में उस्मानाबादी बकरी के कोट का रंग काला होता है. हालांकि भूरे, सफेद या चित्तीदार रंग भी पाए जाते हैं. सुंदर दिखने के साथ उनके लंबे पैर होते हैं. उनके कान मध्यम से लंबे आकार के होते हैं.

यह खबर भी पढ़ें - Goat Farming Business: बकरी पालन बिजनेस पर लोन, सरकारी योजनाएं और सब्सिडी

उस्मानाबादी बकरी की दूध उत्पादन क्षमता (Milk Production Capacity Of Osmanabadi Goat)

अन्य बकरी नस्लों की तरह, उस्मानाबादी बकरी का गर्भकाल 5 महीने का होता है. लगभग 4 महीने की स्तनपान अवधि के लिए 0.5 से 1.5 किलोग्राम की औसत दैनिक दूध उपज होती है.

उस्मानाबादी बकरी है कमाई का अच्छा जरिया (Osmanabadi Goat Is A Good Source Of Income)

किसान भाई अन्य बकरियों की तुलना में उस्मानाबादी नस्ल की बकरी का पालन करते हैं, तो यह आपके लिए कमाई का अच्छा जरिया बन सकती है. जैसा बताया गया है कि इस नस्ल की बकरियों के मांस और दूध की मांग ज्यादा होती है, इसलिए यह पशुपालकों के लिए अच्छा विकल्प है. 

English Summary: osmanabadi goat is a source of good income for animal husbandry, know its milking ability, and features
Published on: 23 October 2021, 04:38 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now