जहां एक ओर देश अभी कोरोना की मार से सही तरीके से उभर नहीं पाया है, तो वहीं अब देश में कोरोना जैसा एक और वायरस तेजी से फैल रहा है, जिसका नाम लंपी है. दरअसल, इस बार यह वायरस इंसान नहीं, बल्कि पशुओं में फैल रहा है.
इसके संक्रमण से देश में अब तक 58 हजार से भी अधिक गायों की जान जा चुकी है. बताया जा रहा है कि यह वायरस देश के लगभग 12 राज्यों में फैल चुका है. वहीं केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (Parshottam Rupala) ने इस बात की जानकारी दी है कि लंपी वायरस 16 राज्यों में दस्तक दे रहा है, जिसका प्रभाव राजस्थान में सबसे अधिक देखने को मिल रहा है.
यह भी बताया जा रहा है कि इस समय पशुओं के शव को दफनाने की भी जगह कम पड़ रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विभिन्न राज्य की सरकार व केंद्र सरकार इस वायरस को कंट्रोल करने की कोशिश में लगी हुई हैं. जिसके चलते देश के वैज्ञानिकों ने लंपी रोग की स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है.
इसी कड़ी में किसान भाईयों की हर एक परेशानी को हल करने के लिए FTJ उनके साथ खड़ा है और इसलिए राजस्थान के बूंदी जिले में रहने वाले किसान पत्रकार धर्मेंद्र नागर ने पशुओं में फैले लंपी वायरस की परेशानी को बताया और साथ ही उन्होंने इसके उपचार व अन्य जरूरी जानकारी भी दी.
किसान ने बताएं लंपी वायरस से बचने के उपाय (Farmer told ways to avoid lumpy virus)
किसान पत्रकार धर्मेंद्र नगर के मुताबिक, सभी पशुपालन करने वालों को लंपी वायरस से अपने पशुओं को बचाने के लिए मच्छर, मक्खियों से उन्हें बचाकर रखना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी को फैलाती है. इसके अलावा लंपी रोकथाम के लिए फिटकरी के पानी से पशुओं को नहलाया जाना चाहिए. वहीं रात के समय पशुओं के पास नीम के पत्तों को जलाकर धूवा किया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य पशुओं के लिए जरूरी सलाह (Important advice for health animals)
किसान पत्रकार धर्मेंद्र नागर ने स्वास्थ्य पशुओं के लिए भी सभी किसान भाइयों को जरूरी सलाह दी है कि जो भी पशु इस संक्रमण से बचे हुए हैं. उनका समय रहते टीकाकरण जरूर करवाएं. उन्होंने यह भी बताया कि मैं खुद गांव के पशुधन सहायक में काम करता हूं और हम उन पशुओं का टीकाकरण कर रहे हैं, जो बिल्कुल स्वास्थ्य है.
बता दें कि लंपी रोग से हजारों पशु ग्रसित हैं. इस रोग ने गायों को इतनी बुरी तरह से प्रभावित किया है, लेकिन मगर पशुपालन विभाग इस विषय पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दे पा रहा है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक दृष्टि से काफी नुकसान हो चुका है. जिले में गाय तड़प तड़प कर मर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि गाय के शरीर पर फफोले हो जाते हैं, जिससे गाय के शरीर में बुखार और दर्द रहता है.