मुर्गी पालन (Poultry Farming) एक बेहद सफल व्यवसाय (Business) है. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसको कम पूंजी, समय और मेहनत और जगह में किया जा सकता है. मगर आप इस व्यवसाय को तभी सफल बना सकते हैं, जब आप मुर्गियों का रख रखाव अच्छी तरह करेंगे. अगर पोल्ट्री फार्मों में रोगों का फैलाव हो जाता है, तो इससे आपको भारी आर्थिक हानि हो सकती है.
इसके लिए उनके उचित प्रबंधन के साथ टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है. बता दें कि मुर्गियों में टीकाकरण कराने से मृत्युदर को काफी हद तक रोका जा सकता है. आइए आपको बताते हैं कि मर्गियों में किस बीमारी के लिए कौन-सा टीका लगवाएं, किस आयु में लगवाएं और कैसे लगवाएं. जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप अपने फार्म में चूजों को ला रहे हैं, तो उनमें 6 दिन के बाद ही टीकाकरण कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
मुर्गिंयों में होने वाली बीमारियां और उनके टीके (Chicken diseases and their vaccines)
पहली बीमारी का नाम- रानीखेत (यह ब्रायलर (मांस) मुर्गी में ज्यादा होती है.)
टीका- एफ/बी—1
आयु- 4 से 6 दिन पर
ऐसे लगाएं टीका- आंख और नाक में 1-1 बूंद या फिर पीने के पानी में दे सकते हैं.
दूसरी बीमारी- गंबोरो
टीका- स्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लस
आयु- 12 से 14 दिन
कैसे दें- आंख- नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में
तीसरी बीमारी- रानीखेत
टीका- आर 2 बी या आर डी कोल्ड वैक्सीन
आयु- 60 दिन पर
ऐसे लगाएं टीका- 0.25—0.5 मि.ली.चमड़ी के नीचे
चौथी बीमारी- गंबोरो
टीका- स्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लस
आयु- 15 से 16 दिन
ऐसे लगाएं टीका- आंख-नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में
पांचवी बीमारी- आईबी
टीका- आईबी
आयु- 21 दिन
ऐसे लगाएं टीका- 2-2 बूंद पीने के पानी में
छठी बीमारी- फाउल पॉक्स या माता रोग
टीका- माता का टीका
आयु- 42 दिन
ऐसे लगाएं टीका- 0.1 मि.ली पंख के नीचे या मांस में
सांतवी बीमारी- गंबोरो, रानीखेत एंव आई बी
टीका- कील्ड टीका (मल्टीकम्पोनेंट)
आयु- 112 दिन
ऐसे लगाएं टीका- 0.5 मि.ली. चमड़ी के नीचे