आजकल ज्यादातर किसानों का खेती के साथ-साथ मछली पालन की ओर रुझान देखा जा रहा है. यह ऐसी तकनीक है, जिसमें सीमित खर्च में अच्छी आमदनी के आसार होते हैं. किसान इसे अपनी खेती-बाड़ी के साथ भी आसानी से संभाल सकते हैं.
यही कारण है कि हमारे किसान मिश्रित मछली पालन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं. आज हम आपको मिश्रित मछली पालन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
क्या है यह मिश्रित मछलीपालन तकनीक?
इस तकनीक के अंतर्गत एक ही तालाब में अलग-अलग किस्म की मछलियां (Varieties of fishes) पाली जाती हैं और इन मछलियों की प्रकृति के हिसाब से भोजन का ध्यान रखने की व्यवस्था भी की जाती है.
मिश्रित मछलीपालन के लिए किन बातों का रखें ध्यान
जब मिश्रित मछलीपालन को अपनाया जाए, तो ध्यान रखने योग्य सबसे बड़ी बात यह है कि तालाब में मछलियों के भोजन की पर्याप्त व्यवस्था हो, जिससे कि वे जीवित रह सकें.
मिश्रित मछली पालन के लिए दूसरी महत्वपूर्ण शर्त यह है कि उसमें पानी के निकास की व्यवस्था सही होनी चाहिए ताकि बारिश के दौरान पानी के अति भराव से तालाब और मछलियों को नुकसान ना पहुंचे.
तालाब का पीएच नियंत्रित रखें. मिश्रित मछली पालन के अंतर्गत क्षारीय जल की आवश्यकता होती है. यानी पानी का पीएच मान 7.5 से 8 रहना चाहिए .
मिश्रित मछली पालन (Mixed Fish Farming) के संदर्भ में एक और जरूरी बात यह है कि तालाब में पानी के आने जाने का रास्ता इस प्रकार से होना चाहिए जिसमे बाहरी मछलियों का प्रवेश ना हो सके और ना ही तालाब की मछलियां बाहर जा सकें.
कौन-सी मछलियों को दें तालाब में स्थान
अब हम आपको बताएंगे कि कौन सी मछलियों को एक ही तालाब में एक साथ पालना ठीक रहेगा. कतला, रोहू, मृगल और विदेशी मछलियों में सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प जैसी मछलियों को तालाब में एक साथ पाला जा सकता है. इस तरह से इन मछलियों को तालाब में पालकर किसान आसानी से मिश्रित मछली पालन को अपना सकते हैं.
क्या है मछलियों का आहार?
मछलियों को आहार के रूप में चावल की भूसी और सरसों की खल दी जा सकती है. यह मछलियों के लिए बेहद पौष्टिक आहार माना जाता है.
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कितना होगा मिश्रित मछली पालन से लाभ
मिश्रित मछली पालन के इस नवीनतम तकनीक के अंतर्गत एक तालाब में 1 वर्ष में दो बार उत्पादन लिया जा सकता है. आपको यह भी बता दें कि 1 एकड़ के तालाब में मछली पालन के माध्यम से 15 से 20 साल तक आसानी से उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. पांच लाख से दस लाख की सालाना आमदनी भी आसानी से प्राप्त की जा सकती है.