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Updated on: 15 October, 2020 12:00 AM IST
Goat Farming

बकरियों की एक खास ब्रीड है सिरोही. इस नस्ल का नाम राजस्थान प्रदेश के सिरोही जिले पर पड़ा है. इसका पालन बिजनेस के हिसाब से काफी फायदेमंद होता है. यह दिखने में सुंदर और चितकबरी हिरण की तरह होती है. इस नस्ल की बकरी का पालन राजस्थान के अजमेर और जयुपर में होता है वहीं उत्तर प्रदेश में भी इसे पाला जाता है. तो आइए जानते हैं बकरी की खास नस्ल के बारे में-

राजस्थान में इस नस्ल को ज्यादा तादाद में पाया जाता है. पशुपालक इस नस्ल को दूध और मांस दोनों के उत्पादन के लिए पालते हैं. इस नस्ल की बकरी का शरीर मध्यम आकार का होता है. इनके शरीर का रंग भूरा है, जिस पर हल्के भूरे रंग के और सफेद रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं. बता दें कि इस नस्ल की बकरी के कान पत्ते के आकार की तरह लटके होते हैं. यह कम से कम 10 सेमी लंबी होती हैं, जिनके थन छोटे पाए जाते हैं.

दूध उत्पादन (Milk Production)

वैसे तो सिरोही को मीट के कारोबार के लिए विशेष रूप से पाला जाता है. दरअसल, यह नस्ल तेजी से बढ़ती है इसलिए इसे जल्द से बेचा जा सकता है. वहीं यह दूध भी अच्छी मात्रा में देती है. गांव, कस्बों के अलावा इसका पालन शहर में भी आसानी से किया जा सकता है. यह एक से डेढ़ लीटर दूध प्रतिदिन देती है.

सिरोही बकरी मांस के लिए उपयोगी (Use of Sirohi Goat Meat)

बकरी की यह नस्ल गर्म मौसम को भी झेल लेती और तेजी से ग्रोथ करती है. वहीं सात-आठ महीनों में यह 30 किलो वजनी हो जाती है. एक साल के बाद सिरोही बकरा 100 किलो वजन का हो जाती है. इस वजह से इससे मीट का अच्छा उत्पादन हो जाता है. सिरोही नस्ल की बकरियां सालभर में दो तीन बच्चे जन्म देती हैं. इसकी खासियत यह है कि यदि चराने की जगह नहीं है तो इसे आप अनाज खिलाकर ही पाल सकते हैं.

सिरोही बकरी कहां से खरीदे (Where to buy Sirohi Goat)

सिरोही ब्रीड को राजस्थान के स्थानीय बाजार से आसानी खरीदा जा सकता है. इसके नर छोटे बच्चे की यदि ठीक से देखभाल कर ली जाती है तो यह सालभर में 100 किलो वजनी हो जाता है. जिसे आप बाजार में आसानी से बेच सकते हैं. 

English Summary: how to start farming of sirohi goat in india business news hindi
Published on: 15 October 2020, 12:11 IST

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