लॉकडाउन के दौरान किसान और पशुपालक को पशुओं के चारे को लेकर कई समस्याएं हो रही हैं. इसमें मुर्गियों का पालन करने वाले किसान और पशुपालक भी शामिल हैं. ऐसे में असम के कृषि विज्ञान केंद्र ने मुर्गियों को गेंदे के फूल खिलाने की सलाह दी है.
दरअसल, असम के कामरूप जिले में गेंदे के फूलों की बिक्री नहीं हो पाई. इसके बाद फूलों की पंखुड़यिों को धूप में सूखाकर मुर्गियों के चारे में खिलाया गया. जब मुर्गियों ने अंडे दिए, तब उनमें केरोटीन की मात्रा बहुत अच्छी पाई गई, जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद करता है.
बीटा-कैरोटीन बहुत जरूरी (Beta-carotene very important)
आपको बता दें कि कैरोटीनॉड्स में बीटा-कैरोटीन बहुत जरूरी है. बीटा-कैरोटीन गहरे लाल, नारंगी और पीले रंग वाले फल और सब्जियों से प्राप्त होता है. वैसे बीटा-कैरोटीन कोई पोषक तत्व नहीं है, लेकिन यह रेटिनॉल में बदल जाता है, जो कि हमारे शरीर में विटामिन ए की मात्रा को पूरा करता है. यह आंखों के रोग, कैंसर, हृदय संबंधी कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है.
असम के कामरूप जिले की जलवायु में फूलों की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इस कारण वहां सालभर गेंदा, गुलाब, जरबेरा, आर्किड आदि की खेती की जाती है. इन फूलों की बिक्री गुवाहाटी और अन्य जगह पर होती है, लेकिन इस साल लॉकडाउन की वजह से मंदिर, होटल, रेस्टोरेंट, हॉल, शादी समारोह पर रोक लग गई. इस कारण किसान फूलों की बिक्री नहीं कर पाए.
वैसे किसान रोजाना फूल तोड़ते थे, लेकिन उनकी बिक्री नहीं हो पाती थी. इससे किसानों को काफी आर्थिक हानि हुई है.
अंडों में बढ़ेगी केरोटीन की मात्रा (The amount of carotene will increase in eggs)
ऐसे में कामरूप कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को गेंदे के फूलों को धूप में सुखाने की सलाह दी है.
अगर लगभग 100 किलो चारे में 2 से 3 किलो फूल की पंखुड़ियों को मिला दें, तो इस तरह मुर्गियों से अच्छा अंडा उत्पादन मिल सकता है. अंडों में केरोटीन की मात्रा बढ़ेगी.