Dharwadi Buffalo: ग्रामीण क्षेत्रों में खेती से साथ-साथ पशुपालन का बड़ा चलन है. खेती के साथ पशुपालन से होने वाली आय किसानों को मुनाफा दोगुना कर देती है. लेकिन, तब अगर गाय या भैंस अच्छी नस्ल की हो. किसानों और डेयरी पालकों में अक्सर गाय या भैंस की नस्ल को लेकर कन्फ्यूजन रहता है. कई बार सही नस्ल की गाय या भैंस न मिलने के चलते किसानों को मुनाफा नहीं हो पाता और वह पशुपालन को छोड़ देते हैं. लेकिन, अगर आप सही नस्ल का चयन करें तो आप पशुपालन से तगड़ा मुनाफ कमा सकते हैं. इस खबर में हम आपको भैंस की एक ऐसी नस्ल के बारे में बताएंगे जो ग्रामीणों के बीच काफी प्रसिद्ध है. यह भैंस की दुधारू नस्लों में से एक हैं, जिस वजह से किसान इसे पालना पसंद करते हैं. हम बात करें रहे हैं भैंस की धानवाड़ी नस्ल की.
1500 लीटर तक दूध देने की क्षमता
धारवाड़ी भैंस की एक देसी नस्ल है, जो खासकर कर्नाटक और आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है. मुख्य तौर पर इनका पालन कर्नाटक के बागलकोट, बेलगाम, दहरवाड, गडग, बेलारी, बीदर, विजयपुरा, चित्रदुर्ग, कलबुर्गी, हावेरी, कोपल, रायचूर और यादगिट जिलों में किया जाता है. यह एक दुधारू भैंस है, जिस वजह से इसका पालन सिर्फ दूध के लिए ही किया जाता है. वैसे तो यह भैंस एक ब्यांत में औसतन 972 लीटर तक दूध देती है. लेकिन, अगर इसकी अच्छे से देखभाल की जाए तो यह 1500 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. ऐसे में अगर आप भी इस भैंस को कमाई का एक साधन बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और खासियतें जान लें.
धारवाड़ी भैंस की पहचान और विशेषताएं (Characteristics of Dharwadi Buffalo)
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इस भैंस का इतिहास सैंकड़ों साल पुराना है. यह एक देसी नस्ल की भैंस है.
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धारवाड़ी एक मध्यम आकार की भैंस है. इसका सिर सीधा और कान खड़े होते हैं.
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भैंस की इस नस्ल का रंग गहरा काला होता है. सींग अर्धवृत्ताकार और थन मध्यम आकार के होते हैं.
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धारवाड़ी भैंस कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है.
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धारवाड़ी भैंस के दूध से बना पेड़ा काफी प्रसिद्ध है. जिस वजह से इसके दूध की काफी डिमांड रहती है.
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इस भैंस के दूध से बने पड़े को जीआई टैग मिला हुआ है.
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भैंस की यह नस्ल एक दिन में 3 से 8 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.
इंग्लैंड की महारानी भी थीं धारवाड़ी पेड़े की दिवानी
पिछले कुछ सालों में इस भैंस का पालन अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ा है. भैंस की इस नस्ल के दूध की बाजार में काफी डिमांड है. ऐसा इसलिए क्योंकि, मशहूर धारवाड़ी पेड़ा सिर्फ इसी भैंस के दूध से बनाया जाता है. इस मिठाई का कनेक्शन बेशक कर्नाटक से है, लेकिन पूरी दुनिया इसकी दीवानी है. जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की कभी इंग्लैंड की महारानी भी धारवाड़ी पेड़ा की शौकीन थीं.