NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 9 December, 2020 12:00 AM IST
Desi Cow Breeds of India

जनसंख्या में भारी वृद्धि, शहरीकरण और आय वृद्धि की वजह से गाय के दूध और गोमूत्र जैसे अन्य उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. देसी गाय के A2 दूध की श्रेष्ठता की वैज्ञानिक स्थापना के कारण देसी गाय के दूध की मांग तथा प्रति लीटर मूल्य में वृद्धि हुई है. जिसके फलस्वरुप किसानों के आमदनी में इजाफा हुआ है.

केंद्र और राज्य सरकार देसी गाय पालन (Desi Cow Rearing) को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत गाय पालन पर सब्सिडी (Subsidy on Cow Rearing) प्रदान करती है. इस प्रकार किसान आसानी से न्यूनतम निवेश के साथ देसी गाय डेयरी फार्म (Desi Cow Dairy Farm) शुरू कर सकते हैं और निश्चित लाभ कमा सकते हैं.   

साहीवाल गाय पालन (Sahiwal Cow Rearing)

यह मूलतः उत्तर पश्चिमी भारत एवं पाकिस्तान में मिलती है. यह गहरी लाल रंग की होती है. इनका शरीर लम्बा ढीला एवं भारी होता है. इनका सर चौड़ा और सींग मोटे एवं छोटे होते हैं. यह एक ब्यांत में लगभग 2500-3000 लीटर दूध देती है.

गावलाव गाय पालन 

दूध साधारण मात्रा में देती है. प्राप्तिस्थान सतपुड़ा की तराई, वर्धा, छिंदवाड़ा, नागपुर, सिवनी तथा बहियर है. इनका रंग सफेद और कद मझोला होता है. ये कान उठाकर चलती हैं.

गिर गाय पालन  (Gir Cow Rearing)

यह मूलतः गुजरात की नस्ल है. यह एक ब्यांत में लगभग 1500-1700 लीटर दूध देती है. इनके शरीर का अनुपात उत्तम होता है. इनके सींग मुड़े होते हैं जो माथे से पीछे की और मुड़ जाते हैं. इनके लम्बे कान होते हैं जो लटकते रहते हैं. इनकी पूंछ लम्बी होती है जो जमीन को छूती हैं. इनके शरीर का रंग धब्बेदार होता है.

थरपारकर गाय पालन (Tharparkar Cow Rearing)

ये गायें दुधारू होती हैं. इनका रंग खाकी, भूरा, या सफेद होता है. कच्छ, जैसलमेर, जोधपुर और सिंध का दक्षिण पश्चिमी रेगिस्तान इनका प्राप्ति स्थान है. इनकी खुराक कम होती है.

लाल सिंधी गाय पालन (Lal Sindhi Cow Rearing)

यह मूलतः पाकिस्तान के सिंध प्रांत की नस्ल है लेकिन अब लगभग सारे उत्तर भारत में पाई जाती है. यह पशु गहरे लाल रंग का होता है. इनका चेहरा चौड़ा तथा सींग मोटे एवं छोटे होते है. इनके थन लम्बे होते है. ये प्रति ब्यांत लगभग 1600-1700 लीटर दूध देती है.

गाय की डेयरी (Cow's Dairy) खोलने हेतु जगह का चुनाव

जब भी आप गाय पालन व्यवसाय का सोच रहे हों तो सबसे पहले आपको गाय को रखने के लिए जगह की आवश्यकता होगी. गाय को रखने के लिए ऐसे जगह का चयन करना चाहिए जो बाजार से ज्यादा दूर ना हो और उस जगह पर यातायात की सुविधा भी अच्छी हो. भले हीं आप व्यवसाय 2-3 गाय से शुरु कर रहे हों लेकिन जगह का चुनाव इतना बड़ा जरुर करें जिससे आप भविष्य में और भी गाय को वहां रख सकें.

English Summary: Desi Cow Breeds of India: Earn huge profits by following these 5 Desi breed cows!
Published on: 09 December 2020, 12:35 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now