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Updated on: 16 February, 2021 12:00 AM IST
Murrah Bhains
पशुधन प्रजातियों में भैंस का अपना महत्व व स्थान है क्योंकि वह भारत के कुल दुग्ध उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत तथा देश में मांस निर्यात व उत्पादन में एक बड़ा योगदान देती है. भारत में भैंस पालन पारंपरिक रूप से तीन मुख्य उद्देश्यों के लिए जैसे दुग्ध, मांस व भारवाहक पशु के रूप में किया जाता है. ऐसे में आइये भैंस की प्रमुख नस्ल में शामिल मुर्रा नस्ल की भैंस के बारे में बताते हैं-

मुर्रा नस्ल की भैंस

मुर्रा भैंस,  विश्व की सबसे अच्छी भैंस की दुधारू नस्ल है. जो दूध उत्पादन के लिए पाली जाती है. यह भारत के सभी इलाकों में पायी जाती है. इसका गृह क्षेत्र हरियाणा के रोहतक, हिसार, जिन्द व करनाल जिले तथा दिल्ली व पंजाब हैं. यह जेट काला रंग की होती है. वहीं विदेशों में यह इटली, बल्गेरिया, मिस्र आदि में पाली जाती है. इस नस्ल की मुख्य विशेषता छोटे मुड़े हुए सींग तथा खुर व पूँछ के निचले हिस्से में सफेद धब्बे का होना हैं. वहीं इनका सिर छोटा होता है.

हरियाणा में इसे 'काला सोना'  भी कहा जाता है. दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है. इसके दूध में 7% वसा पाई जाती है. मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की होती है और अयन विकसित तथा दूध शिराएं उभरी होती है.

मुर्रा भैंस की कीमत और दुग्ध उत्पादन क्षमता

आमतौर पर मुर्रा भैंस की कीमत 40 से 80  हजार रूपये के बीच में होती है. यह भैंस प्रतिदिन 12 लीटर दूध दे सकती है.

अगर भैंस 12 लीटर से ज्यादा दूध देने में सक्षम है तो उसकी कीमत 45 हजार से ज्यादा हो सकती है. भारत के अलग-अलग हिस्सों में इस के दामों में अंतर हो सकता है.

English Summary: Buffalo Farming: Identification of Murrah Buffalo, Milk Production Capacity and Price
Published on: 16 February 2021, 05:24 IST

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