मधुमक्खी पालन से हमें यही समझ आता है कि है कि इससे हमें शहद मिलता है लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. शहद के साथ ही मधुमखियाँ का डंक यानी ज़हर भी बड़े काम का होता है. कुछ मधुमक्खी पालकों को अभी भी इस बात की जानकारी नहीं है कि मधुमक्खियों के डंक से भी वे काफ़ी अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं.
दवा बनाने में इस्तेमाल होता है मधुमक्खियों का डंक
आपको बता दें कि मधुमक्खियों के निकलने वाले डंक से कई तरह की दवाएं भी बनायी जाती हैं. जी हां, पालकों लिए यह एक बेहतर विकल्प है जिससे वे शहद उत्पादन करने से मिलने वाले पैसों के अलावा भी कमा सकते हैं. औषधियां बनाने के लिए शहद का इस्तेमाल तो किया ही जा रहा था, वहीं अब डंक भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
इस तरह उपयोगी है मधुमक्खियों का ज़हर
मधुमक्खी का डंक यानी ज़हर भी कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाता है. आपको बता दें कि इसके डंक से निकला ज़हर गठिया रोग यानी आर्थराइटिस (arthritis) के लिए काफी फ़ायदेमंद है. यही वजह है कि इसके ज़हर से इस रोग के लिए दवाएं भी तैयार की जाती हैं. एक शोध से इस बात की जानकारी मिलती है कि मधुमक्खी के डंक के ज़हर के साथ एक रासायनिक पदार्थ मिलाया जाता है. तैयार मिश्रण को लगाने से यह arthritis ठीक हो सकता है। इसके साथ ही एड्स (AIDS) जैसी घातक और जानलेवा बीमारी के लिए भी इससे कई दवाएं बनायी जाती हैं. इतना ही नहीं, सेक्सुअल मेडिसिन भी इसके डंक के ज़हर से तैयार की जाती हैं.
इन लोगों के लिए मधुमक्खी पालन है बेहतर विकल्प
मधुमक्खी पालन आज के समय में एक अच्छा व्यवसाय बन चुका है और इसके ज़रिए लोग अच्छा मुनाफ़ा भी कमा रहे हैं. यह व्यवसाय गाँवो में रहने वाले उन लोगों के लिए भी बेहतर विकल्प है जिनके पास खेती के लिए ज़्यादा ज़मीन और सिंचाई जैसे सम्बंधित संसाधनों की कमी है.
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