सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 27 March, 2020 12:00 AM IST

देशभर में कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में लोगों को राशन समेत कई वस्तुओं की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन वह उसकी पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि लोगों को लॉकडाउन के दौरान किसी भी चुनौती का सामना न करना पड़े. अब सवाल पशुपालकों के लिए है कि इस स्थिति में पशुपालक अपने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कैसे कर पाएंगे. हम आपको बता दें कि पशुपालकों को पशुओं के चारे की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

दरअसल, झारखंड के धनबाद के पशुपालकों को पशुओं के चारे के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब उन्हें पशुओं का चारा निर्बाध तरीके से पहुंचाया जाएगा. पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने फैसला किया है कि लॉकडाउन के दौरान पशुओं के लिए चारा और खाद्य सामग्री की निर्बाध आपूर्ति की जाएगी. बता दें कि लॉकडाउन में भी पशुपालकों और पशुओं को पूरी सुविधा दी जाएगी.  

आपको बता दें कि लॉकडाउन के बाद पशुपालकों को पशुओं का चारा नहीं मिल पा रहा था. इसके साथ ही पशुओं का दूध भी नहीं बिक रहा था, क्योंकि शहर में पशु चारे की गाड़ियों को आने नहीं दिया जा रहा है. इसकी वजह से बिचाली, कुट्टा, चोकर सब महंगे बेचे जा रहे हैं. इतना ही नहीं, शहर में कालाबाजारी भी शुरू हो गई है. इसके अलावा चारे के दाम भी बढ़ गए और दूध की सप्लाई भी कम हो गई. इसकी वजह से इसके दाम काफी नीचे चले गए. यह सब बंद करने के लिए ही विभाग ने निर्देश दिया है.

जानकारी के लिए बता दें कि पशुओं के लिए चारा और खाद्य सामग्री की ज्यादातर आपूर्ति पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल के सड़क मार्ग से होती है. जब से देश पर कोरोना वायरस का संकट मंडराया है, तब से इस पर रोकथाम लग गई है. ऐसे में सभी सेवाओं को मुक्त कर दिया गया है. बता दें कि पशुपालकों को पशुओं का चारा और खाद्य सामग्री की पूर्ति करना अति आवश्यक है, इसलिए पशुपालकों को निर्बाध चारा दिया जा रहा है.

English Summary: animal feeders will get animal feed easily
Published on: 27 March 2020, 05:18 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now