देशभर में कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में लोगों को राशन समेत कई वस्तुओं की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन वह उसकी पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि लोगों को लॉकडाउन के दौरान किसी भी चुनौती का सामना न करना पड़े. अब सवाल पशुपालकों के लिए है कि इस स्थिति में पशुपालक अपने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कैसे कर पाएंगे. हम आपको बता दें कि पशुपालकों को पशुओं के चारे की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
दरअसल, झारखंड के धनबाद के पशुपालकों को पशुओं के चारे के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब उन्हें पशुओं का चारा निर्बाध तरीके से पहुंचाया जाएगा. पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने फैसला किया है कि लॉकडाउन के दौरान पशुओं के लिए चारा और खाद्य सामग्री की निर्बाध आपूर्ति की जाएगी. बता दें कि लॉकडाउन में भी पशुपालकों और पशुओं को पूरी सुविधा दी जाएगी.
आपको बता दें कि लॉकडाउन के बाद पशुपालकों को पशुओं का चारा नहीं मिल पा रहा था. इसके साथ ही पशुओं का दूध भी नहीं बिक रहा था, क्योंकि शहर में पशु चारे की गाड़ियों को आने नहीं दिया जा रहा है. इसकी वजह से बिचाली, कुट्टा, चोकर सब महंगे बेचे जा रहे हैं. इतना ही नहीं, शहर में कालाबाजारी भी शुरू हो गई है. इसके अलावा चारे के दाम भी बढ़ गए और दूध की सप्लाई भी कम हो गई. इसकी वजह से इसके दाम काफी नीचे चले गए. यह सब बंद करने के लिए ही विभाग ने निर्देश दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि पशुओं के लिए चारा और खाद्य सामग्री की ज्यादातर आपूर्ति पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल के सड़क मार्ग से होती है. जब से देश पर कोरोना वायरस का संकट मंडराया है, तब से इस पर रोकथाम लग गई है. ऐसे में सभी सेवाओं को मुक्त कर दिया गया है. बता दें कि पशुपालकों को पशुओं का चारा और खाद्य सामग्री की पूर्ति करना अति आवश्यक है, इसलिए पशुपालकों को निर्बाध चारा दिया जा रहा है.