Banni Buffalo: गुजरात की अनोखी भैंस नस्ल, एक ब्यांत में देती है 6054 लीटर तक दूध, अफगानिस्तान से है कनेक्शन Bargur Buffalo: तमिलनाडु की देसी और खास भैंस नस्ल, रोजाना देती है 7 लीटर तक दूध, जानें पहचान और अन्य विशेषताएं PM Kisan की 20वीं किस्त इस महीने हो सकती है जारी, जानें पैसा न आए तो क्या करें? किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 20 May, 2025 12:00 AM IST
अब सिर्फ 54 रुपये में मिलेगी किसानों को जिप्सम की बोरी (Pic Credit - Shutter Stock)

Gypsum Subsidy: कृषि क्षेत्र में लगातार सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक और बड़ी पहल की गई है. अब किसानों को खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए जिप्सम (Gypsum) 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा. यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए वरदान साबित होगी, जो दलहनी, तिलहनी और जड़ वाली फसलों की खेती करते हैं.

क्या है जिप्सम और क्यों है फायदेमंद?

जिप्सम एक प्रकार का प्राकृतिक खनिज है जिसमें कैल्शियम और सल्फर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका प्रयोग मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने और फसलों को पोषण देने के लिए किया जाता है. खास बात यह है कि जिप्सम के प्रयोग से खेत की मिट्टी का पीएच स्तर संतुलित होता है और मिट्टी की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है. इसके कारण फसलें ज्यादा समय तक नमी में रहती हैं और कम पानी में भी अच्छी उपज दे पाती हैं.

किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना के अंतर्गत अब किसानों को जिप्सम पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा. यानी एक बोरी जिप्सम जिसकी वास्तविक कीमत 216.10 रुपये है, वह किसानों को सिर्फ 25 प्रतिशत यानी लगभग 54 रुपये में मिलेगी. इससे किसानों की लागत में कमी आएगी और उपज में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.

कितनी मात्रा में मिलेगा जिप्सम?

खबरों के अनुसार, एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि के लिए 6 क्विंटल यानी 12 बोरी जिप्सम दी जाएगी. यह जिप्सम जिले के सभी ब्लॉकों में स्थित राजकीय बीज भंडारों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. वहां किसान अपना पहचान पत्र, जमीन का रिकॉर्ड और आधार कार्ड दिखाकर अनुदान पर जिप्सम प्राप्त कर सकते हैं.

किस फसलों के लिए है सबसे ज्यादा लाभकारी?

  • दलहनी फसलें : चना, मूंग, अरहर, मसूर
  • तिलहनी फसलें : सरसों, सूरजमुखी, तिल, मूंगफली
  • जड़ वाली फसलें : आलू, गाजर, मूली, शकरकंद

इन फसलों में जिप्सम का उपयोग करने से जड़ों का विकास बेहतर होता है और पौधे मजबूत बनते हैं. इससे उत्पादन में 15-25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है.

कैसे करें आवेदन?

जिप्सम प्राप्त करने के लिए किसान नजदीकी कृषि केंद्र या राजकीय बीज भंडार में संपर्क कर सकते हैं. आवेदन के लिए उन्हें जमीन से संबंधित दस्तावेज, आधार कार्ड और किसान पंजीयन की कॉपी ले जानी होगी.

English Summary: Up government gypsum subsidy apply process farmers get 75 percent subsidy on gypsum
Published on: 20 May 2025, 10:46 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now