देश के करोड़ों किसानों के लिए राहत की खबर है. केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान से बचाने में मददगार साबित हो रही है. इस योजना के तहत किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में बीमा के रूप में मुआवजा दिया जाता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.
आइए आज के इस आर्टिकल में हम भारत सरकार की फसल बीमा योजना से जुड़ी हर एक डिटेल को यहां विस्तार से जानते हैं...
क्या है योजना का उद्देश्य?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने साल 2016 में की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ती दरों पर फसल बीमा कवर देना है ताकि सूखा, बाढ़, तूफान, ओलावृष्टि और बे-मौसम बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. 18 फरवरी 2025 को योजना के 9 साल पूरे हो चुके हैं और अब तक 36 करोड़ से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल चुका है.
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
भारत के लगभग सभी राज्यों के किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए उन्हें फसल की बुआई के 10 दिनों के भीतर आवेदन करना होता है. किसान चाहे तो आवेदन ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं या फिर बैंक, सहकारी समितियों या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं.
कितना देना होगा प्रीमियम?
इस योजना के तहत किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना होता है.
- खरीफ फसलों पर 2%
- रबी फसलों पर 1.5%
- और बागवानी या व्यावसायिक फसलों पर अधिकतम 5% प्रीमियम
बाकी की राशि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देती हैं.
नुकसान होने पर क्या करें?
अगर किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होती है, तो उसे 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचना देना जरूरी होता है. बीमा कंपनी जांच के बाद नुकसान का आंकलन करती है और फिर मुआवजे की राशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना/ Prime Minister Crop Insurance Scheme किसानों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच की तरह है, जो मुश्किल समय में बड़ा सहारा बनती है. उचित समय पर आवेदन कर इस योजना का पूरा लाभ उठाया जा सकता है.