बिहार सरकार की मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना से सिवान जिले में मछली पालन को बढ़ावा मिल रहा है. इस योजना के तहत बेकार पड़ी चौर भूमि को मत्स्य पालन के लिए विकसित किया जा रहा है, जिससे किसानों को नई आमदनी का स्रोत मिला है. अब तक 135 किसानों को योजना से जोड़ा गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी दी गई है.
राज्य सरकार की इस पहल से न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं. इच्छुक किसान 31 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. ऐसे में आइए इस स्कीम से जुड़ी हर एक डिटेल यहां जानते हैं...
योजना का उद्देश्य
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना का लक्ष्य सिवान जिले में 400 हेक्टेयर चौर भूमि को मत्स्य पालन क्लस्टर के रूप में विकसित करना है. इस योजना से अब तक जिले की 108.9 हेक्टेयर भूमि विकसित की जा चुकी है. इस भूमि का सदुपयोग कर किसानों को मछली पालन/Fisheries के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण और अनुदान
मानक संचालन नियमावली के अनुसार मछली पालन क्लस्टर विकसित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. अब तक 135 किसानों को योजना से जोड़ा गया है, जिन्हें 3.76 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है. इस वित्तीय सहायता से किसानों की लागत में कमी आई है और उनकी आय में वृद्धि हो रही है.
रोजगार और आमदनी में वृद्धि
समेकित चौर विकास योजना के कारण न केवल बेकार पड़ी भूमि हरी-भरी हो रही है, बल्कि मछली उत्पादन के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ रही है. इस योजना से क्षेत्र में खुला रोजगार भी सृजित हो रहा है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है.
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए 31 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन fisheries.bihar.gov.in पर उपलब्ध हैं. बिहार सरकार की यह पहल मछली पालन क्षेत्र को प्रोत्साहित कर किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद कर रही है.
नोट: अधिक जानकारी और आवेदन के लिए मछली पालन विभाग की आधिकारिक वेबासइट पर विजिट कर सकते हैं.