Traditional Farming: बिहार सरकार पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसके लिए राज्य में मोटे अनाज के बीज उत्पादन के लिए 10 कृषि विज्ञान केंद्रों को जिम्मेदारी दी जाएगी. इन मोटे अनाजों को कम पानी और सूखे की स्थिति में भी उगाया जा सकेगा. किसानों से पीपीपी (Private Public Assistance) मोड पर खेती कराने की पहल होगी. इसके लिए केवीके में किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार किसानों को मिट्टी की प्रकृति के अनुकूल खेती के लिए प्रेरित करेगी.
कृषि विभाग एफपीओ (farmer producer organization) और बीज उत्पादक कंपनियों की सहायता ली जाएगी. उन्नत बीज उत्पादन के लिए कृषि विशेषज्ञ इस पर कार्य करेंगे. आपको बता दे कि मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, चना, कुटकी, कौनी, सावां और कोदो आदि शामिल हैं.
उन्नत बीज के लिए स्थापित होगें सेंटर
मोटे अनाज की फसल के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी. इसके अंतर्गत उन्नत बीज उत्पादन के लिए कृषि विशेषज्ञों ने कार्य करेंगे. जिससे पानी की कमी व सूखे की स्थिति में भी मोटे अनाज की फसल को उगाया जा सकेगा. बिहार में मक्का के अलावा मोटे अनाज की खेती काफी कम है. इसके लिए सरकार किसानों को अनुदानित की कीमत पर बीज उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है.
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50 से 80 प्रतिशत पर मिलेगा अनुदान
बिहार में कृषि विभाग किसानों को बीज पर 50 से 80 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान करेगा. इसके साथ ही किसानों के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण बीज का उत्पादन किया जाएगा. इसके बाद ज्वार, बाजरा और मडुआ आदि के बीज किसानों में वितरित किए जाएंगे. वहीं, प्रदेश में मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. शोध के लिए बिहार के गया जिले में सेंटर आफ एक्सीलेंस तैयार किया जा रहा है, जिससे किसानों को आगे चलकर लाभ मिलेगा.
प्राइवेट एजेंसी किसानों को देगी ट्रेनिंग
मोटे अनाज के उन्नत बीज उत्पादन के लिए 10 कृषि विज्ञान केंद्र कार्य करेंगे. इसके लिए केवीके में किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. बिहार सरकार मोटे अनाज का बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निजी एजेंसी और किसानों की भी मदद लेगी.
ये संस्थान करेगी शोध
बिहार सरकार ने मोटे अनाज के विकास कार्यक्रम के लिए अंतर्राष्ट्रीय अर्ध शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान हैदराबाद का चयन किया है. यह संस्थान उन जिलों की पहचान करेगी जहां कम बारिश में मोटे अनाज की फसल को उगाया जा सके. वहीं, किस जिले में क्षेत्र विशेष मिट्टी में फसल की खेती होगी. इसके साथ ही राज्य का कौन सा जिला मोटे अनाज की खेती के लिए अच्छा है. इसका भी चयन किया जाएगा.