सरकार आए दिन अपनी नई स्कीम से अन्नदाताओं को खेती में राहत देने का प्रयास करती है. आज हम आपको सरकार की ऐसी टॉप 5 योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे किसानों को बहुत फायदा हो सकता है. इन यजनाओं के तहत किसानों 15 लाख रुपये तक का अनुदान मिल सकता हैं. तो आइए उन योजनाओं पर एक नजर डालें.
1. कोल्ड स्टोरेज स्कीम
भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने किसानों के लिए यह स्कीम चलाई है. इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज बनाने पर 50 प्रतिशत या उससे अधिक तक का अनुदान मिल सकता है. वहीं आर्थिक रूप से कमजोर किसान इसके लिए सस्ते ब्याज दर पर लोन की भी सुविधा हासिल कर सकते हैं. गांव या शहर में कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस काफी पॉपुलर है. छोटे स्तर पर इसे तैयार करने में लगभग 10 लाख तक का खर्च आता है. लेकिन यह तैयार होने के बाद हर महीने लाखों का फायदा देता है. इस बिजनेस के लिए सरकार की सब्सिडी का लाभ उठाना है तो आवेदन ऑनलाइन ही किए जाते हैं.
2. एग्रो टूरिज्म स्कीम
यह किसानों के लिए बहुत शानदार स्कीम है. इससे कृषक अपनी कमाई में भारी बढ़ोतरी कर सकते हैं. गांव में जिन किसानों के पास जमीन है. वह उसे एग्रो टूरिज्म में कन्वर्ट कर सकते हैं. दरअसल, शहरी या बाहरी लोग छुट्टियों के दौरान खेती-किसानी कैसे होती है, उसे देखने के मकसद से गांव में आते हैं. ऐसे में किसान गांव को खूबसूरत बनाने के लिए अपनी जमीनों में एक से बढ़कर एक पौधे या बागवानी कर सकते हैं. इसके लिए पर्यटन विभाग से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है.
यह भी पढ़ें- पशुपालन के इन क्षेत्रों में मिल रहा 50 लाख तक का अनुदान और रोजगार
3. नाबार्ड डेरी पशुपालन योजना
चाहे गांव हो या शहर लोग अपनी आय को बढ़ाने के लिए पशुपालन करते हैं. वहीं, उनका दूध बेचकर अच्छी कमाई भी करते हैं. पशुपालन के लिए सरकार नाबार्ड डेरी पशुपालन योजना के तहत सब्सिडी देती है. इसमें 25 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है. इसके लिए आवेदन ऑनलाइन ही किए जाते हैं.
4. ट्रैक्टर सब्सिडी योजना
किसानों को खेती के लिए ट्रैक्टर खरीदने पर भी सब्सिडी दी जाती है. यह अनुदान राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मिलता है. इस योजना में किसान ट्रैक्टर पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए भी आवेदन ऑनलाइन किए जाते हैं.
5. हार्वेस्टर सब्सिडी योजना
धान-गेहूं की कटाई में हार्वेस्टर की भूमिका अहम होती है. यह मशीन काफी महंगी होती है. इसकी कीमत लगभग 40 लाख रुपये है. जिसे कई किसान खरीद नहीं पाते हैं. ऐसे में सरकार इसे खरीदने पर भारी सब्सिडी देती है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत हार्वेस्टर पर 40 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है. ऐसे में किसान सरकार की तरफ से 15 लाख से अधिक का अनुदान प्राप्त कर सकते हैं.