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Updated on: 18 July, 2020 12:00 AM IST

परंपरागत खेती के इतर देश के किसान अब नए-नए तकनीकों द्वारा खेती करना पसंद करते हैं. कृषि में मशीनों के बढ़ते प्रयोग से किसानों को काफी लाभ मिला है. एक तरफ इससे जहां किसानों का समय बचता है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों को खेती में लाभ भी ज्यादा होती है. लेकिन मशीनों की दाम ज्यादा होने की वजह से सभी किसानों के लिए यह संभव नहीं हो पाता कि वो इन मशीनों को खरीद सकें. इसलिए सरकार द्वारा किसानों के लिए समय-समय पर स्कीम के तहत अनुदान दिया जाता है जिससे उनको मशीन खरीदने में आसानी होती है.

किसानों को जिले में खेती के अनेक कार्यों के लिए कृषि यंत्रों की खरीदारी पर अनुदान दिया जाएगा. इस चालू वित्तीय वर्ष के लिए शासन द्वारा जिलेवार लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है. इसमें पहले किसानों को चयनित कर लक्ष्य के अनुसार लाभ दिया जाएगा. इसके साथ ही खेती में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है और इसके लिए उन्हें 30 फीसद आरक्षण दिया जाएगा. वहीं इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग वाले 16 फीसद और अनुसूचित जनजाति वाले 8 फीसद किसानों को योजना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है.

किसानों को किसी भी प्रकार की जमानत राशि नहीं देनी होगी

अब किसी भी प्रकार की योजना में 10 हजार तक के अनुदान पर ली जाने वाली जमानत धनराशि समाप्त कर दी गई है. ड़ॉ. संज कुमार त्रिपाठी (उप निदेशक कृषि) का कहना है कि खाद्यान्न की उपलब्धता बनाए रखने में नई विधा से खेती-किसानी काफी सहायक होगी. इसके लिए सरकार द्वारा अनुदान की व्यवस्था की गई है. यह व्यवस्था मानव व पशु चलित दोनों प्रकार की कृषि यंत्रों पर की गई है. अनुदान का देय सब मिशन आन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना के तहत किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत कुल 26 प्रकार के यंत्रो की खरीद शामिल है. इनमें मुख्य तौर पर थ्रेसर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, पावर टिलर, राइस ट्रांसप्लांटर, कंबाइन, ब्रस कटर, हैरो, दाल मिल, कीटनाशक छिड़काव उपकरण शामिल हैं. इस योजना का आधार पहले आओ औऱ पहले पाओ पर रखा गया है. अनुदान डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफार (डीबीटी) के जरिये किसानों के खाते में चयन होने पर भेजा जाएगा.

 

English Summary: Subsidy for farmers on 26 types of agriculture machinery in this state
Published on: 18 July 2020, 05:33 IST

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