वर्षा ऋतु में मवेशियों की वैज्ञानिक देखभाल एवं प्रबंधन Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ! खुशखबरी! 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह, ऐसे कराएं किसान रजिस्ट्रेशन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 12 July, 2019 12:00 AM IST
Maize Crop

राज्य में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार के दिशा-निर्देशों पर राज्य कृषि विभाग ने अपने प्रयासों को काफी तेज कर दिया है. दरअसल यहां के पानीपत जिले में किसानों को मक्का और ज्वार की पैदावार को बढ़ाने के लिए विभाग को लक्ष्य मिला हुआ है.

वहीं किसानों को खरीफ सीजन की इन दोनों फसलों के बीज पर सरकार की ओर से भी 100 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जा रही है जिससे किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ वीरेंद्र आर्य के मुताबिक यहा के पानीपत जिले में 500 हेक्टेयर यानि कि 1235 एकड़ में एरिया में मक्के के उत्पादन को करने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है. इसीलिए स्थानीय किसान कृषि बेवसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर निशुल्क बीज को प्राप्त कर सकते है. इसके अलावा जिले में ज्वार की खेती के लिए एक हजार एकड़ लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

ऐसे करें आवेदन

सबसे पहले किसान विभागीय बेवसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर 75 फीसद की सब्सिडी पर बिक्री केंद्र से बीज को आसानी से खरीद सकते है. सब्सिडी के हिसाब से किसान को 20 किलोग्राम बीज का 840 रूपये का बैग मात्र 210 रूपये के अंदर ही दे दिया जाएगा. हालांकि किसान दो एकड़ खेती के लिए केवल 40 किलोग्राम बीज को ही खरीद सकता है.

मक्के से किसानों को मुनाफा

बड़ौली के किसान रविद्र मिटान ने कहा कि वह पिछले कई सीजन से मक्का की खेती करने का कार्य कर रहे है. इस बार भी छह एकड़ में मक्का की खेती करने की तैयारी में है, धान के मुकाबले लगभग दस फीसद लेबर और पानी की खपत मक्का की खेती को काफी बेहतर बनाती है. इससे पशुओं के लिए चारा तैयार होता है. धान की तरह देखरेख करने पर मक्का की फसल उससे ज्यादा लाभ दे सकती है.

सब्सिडी से किसान होते चिंता मुक्त

किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी से किसानों को काफी ज्यादा लाभ होता है. क्योंकि इस फसल का इंश्योरेंस प्रीमियम सरकार की ओर से भरा जाता है, इसके साथ ही मार्केट में न्यूनतम समर्थन मूल्य के ठीक तरह से निर्धारित हो जाने से किसानों को अपने नुकसान का भय नहीं रहता है.

English Summary: So much subsidy is available on maize seeds in Haryana
Published on: 12 July 2019, 09:03 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now