बिहार सरकार का कृषि विभाग वर्ष 2025-26 में किसानों को कृषि कार्यों में सहूलियत देने के लिए एक बड़ी योजना लेकर आया है. इस योजना का नाम "कृषि यंत्रीकरण योजना 2025-26" है, जिसके अंतर्गत राज्य भर में 267 कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) की स्थापना की जाएगी. बता दें कि यह योजना बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो राज्य के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम है. आधुनिकता से जुड़कर अब किसान खेती में नए युग की शुरुआत कर सकते हैं.
ऐसे में आइए राज्य सरकार की इस स्कीम से जुड़ी हर एक जानकारी यहां विस्तार से जानते हैं, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर किसान योजना का लाभ सही से उठा सके.
क्या है कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC)?
कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) एक ऐसा केंद्र होता है जहां से किसान किराए पर आधुनिक कृषि यंत्र प्राप्त कर सकते हैं. ये यंत्र जैसे- ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, ड्रोन स्प्रेयर, पावर टिलर आदि, खेती में समय और लागत दोनों की बचत करते हैं.
किसानों को 40% तक मिलेगा अनुदान
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार की इस योजना के ताहत 267 नए कस्टम हायरिंग सेंटर वर्ष 2025-26 में स्थापित किए जाएंगे, जो किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराएंगे. इसमें हर CHC परियोजना के लिए 10 लाख रुपए तक का बजट निर्धारित है, जिस पर सरकार 40% तक अनुदान देगी. यानी अधिकतम 4 लाख रुपए का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. वहीं, इस योजना पर कुल 1078.750 लाख रुपए का खर्च अनुमानित है, जिससे राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण किराये पर उपलब्ध होंगे.
किसानों के लिए लाभ
छोटे और मध्यम वर्ग के किसान, जो खुद कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते, वे CHC के माध्यम से किराए पर आधुनिक यंत्र लेकर खेती कर सकेंगे. इससे उत्पादन लागत में कमी, उत्पादकता में बढ़ोतरी और खेती में आधुनिकता को बढ़ावा मिलेगा. समय पर बुआई, कटाई और अन्य कार्यों में सुविधा मिलेगी जिससे फसल का नुकसान नहीं होगा.
संपर्क जानकारी
यदि किसान इस योजना से जुड़ना चाहते हैं या कोई जानकारी लेना चाहते हैं, तो वे किसान कॉल सेंटर 1800-180-1551 (समय: सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक) पर संपर्क कर सकते हैं.