PM Awas Yojana-Urban 2.0: प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के तहत केंद्र सरकार ने 3.53 लाख से अधिक नए घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन घरों को स्वीकृति दी गई. इस योजना के तहत महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दी गई है, जिसके तहत 2.67 लाख घर महिलाओं के नाम पर स्वीकृत किए गए हैं. यही नहीं, समाज के अन्य वंचित वर्गों को भी योजना के तहत विशेष लाभ दिया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और अविवाहित महिलाओं को अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. पीएमएवाई-यू 2.0, 'सभी के लिए आवास' मिशन के तहत अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ शहरी गरीबों को घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य लेकर चल रही है. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-
महिलाओं और वंचित वर्गों को प्राथमिकता
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत स्वीकृत 3,52,915 घरों में से 2.67 लाख घर महिलाओं के लिए स्वीकृत किए गए हैं. इनमें विधवाएं और एकल महिलाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा, 90 घर ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी आवंटित किए गए हैं. अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के 80,850 लाभार्थियों को, अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के 15,928 लोगों को और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 2,12,603 लोगों को घरों की स्वीकृति मिली है.
सरकार का लक्ष्य समाज के हर वर्ग तक इस योजना का लाभ पहुंचाना है, जिससे आवासीय असमानता को कम किया जा सके.
उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष सहायता योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए अतिरिक्त सहायता देने का निर्णय लिया है. 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि 40 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं, विधवाओं और अलग रह रही महिलाओं को 20,000 रुपये की सहायता दी जाएगी.
यह पहल राज्य सरकार द्वारा समाज के कमजोर तबकों की मदद करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से की गई है.
योजना का क्रियान्वयन और लाभार्थियों की सुविधा
पीएमएवाई-यू 2.0 के सफल कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार और 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके अलावा, 200 से अधिक प्राथमिक ऋण संस्थानों के साथ भी सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि योजना के तहत लाभार्थियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जा सके.
सरकार ने इस योजना से जुड़ी सभी जानकारियों और आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक वेब पोर्टल भी विकसित किया है. इच्छुक लाभार्थी इस पोर्टल पर जाकर योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
पिछले 10 वर्षों में योजना की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की शुरुआत जून 2015 में की गई थी, जिसके तहत अब तक 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी जा चुकी है. इनमें से 92 लाख घरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और लाभार्थियों को वितरित कर दिया गया है. योजना के तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य शहरी गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को किफायती आवास उपलब्ध कराना है.
चार वर्टिकल के तहत योजना का कार्यान्वयन
पीएमएवाई-यू 2.0 को चार वर्टिकल्स के माध्यम से लागू किया जा रहा है:
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लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण (बीएलसी): इसके तहत पात्र लाभार्थियों को अपने स्वयं के भूखंड पर घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है.
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भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी): इस वर्टिकल में निजी डेवलपर्स और सरकारी एजेंसियों के सहयोग से किफायती आवासीय परियोजनाएं विकसित की जाती हैं.
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किफायती किराया आवास (एआरएच): प्रवासी मजदूरों और कम आय वाले व्यक्तियों के लिए किराये के घरों की सुविधा प्रदान की जाती है.
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ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस): होम लोन पर ब्याज दर में सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे लोग आसानी से घर खरीद सकें.
योजना के लिए वित्तीय प्रावधान
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत सरकार ने कुल ₹10 लाख करोड़ के निवेश की योजना बनाई है. इसमें से ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी. प्रत्येक आवास इकाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से ₹2.50 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के परिवार लाभान्वित होंगे.
वंचित समुदायों को विशेष लाभ
पीएमएवाई-यू 2.0 का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यकों, विधवाओं, विकलांग व्यक्तियों और अन्य वंचित वर्गों को किफायती आवास उपलब्ध कराना है.
इसके अलावा, सफाई कर्मचारियों, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएमएसवीए निधि) योजना के अंतर्गत पहचाने गए स्ट्रीट वेंडरों, प्रधानमंत्री-विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और भवन निर्माण श्रमिकों को भी प्राथमिकता दी जाएगी.
'सभी के लिए आवास' मिशन का लक्ष्य
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 1 सितंबर 2024 से 'सभी के लिए आवास' मिशन के तहत 1 करोड़ अतिरिक्त शहरी गरीबों को किफायती घर उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है. इस मिशन के तहत अगले 5 वर्षों में सरकार का लक्ष्य 1 करोड़ नए घरों का निर्माण करना है. इससे शहरी गरीबों को बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने में मदद मिलेगी.