मौजूदा हालात को देख कर ऐसा लगने लगा है की सरकार ने किसानों को ख़ुश करने का मन बना लिया है. तभी एक के बाद एक कृषि योजना लेकर आ रही है. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने भी राज्य के किसानों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. आपको बता दें हरियाणा में कृषि योग्य लगभग 80 लाख एकड़ जमीन है.
इसमें से 75 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई हो पाती है. शेष जमीन पर सिंचाई (Irrigation) के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए सोलर पंप (Solar Pump) किसानों (Farmers) के लिए एक बेहतर विकल्प है. सोलर पंप लगाने से किसानों का डीजल बचेगा साथ हीं आय में भी वृद्धि होगी. इसके लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान यानी पीएम-कुसुम योजना (PM-Kusum Scheme) एक बेहतर विकल्प है. जिसके जरिए किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है.
इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई संबंधी सुविधा के लिए सोलर पंप स्थापित करने में सरकार मदद कर रही है.राज्य सरकार की तरफ से 45 फीसद व केंद्र सरकार की तरफ से 30 फीसद सब्सिडी प्रदान की जा रही है. इस तरह से कुल 75 फीसदी की आर्थिक मदद सरकार की तरफ से दी जा रही है. किसानों को महज अपनी तरफ से 25 फीसद ही खर्च करना होता है.
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की तैयारी
राज्य सरकार के खेमे से आई जानकारी के मुताबिक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हरियाणा में अब से 7 साल पहले न के बराबर काम था. वर्ष 2014 तक केवल 492 सोलर पम्प ही लगवाए गए थे. वर्तमान सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का रोडमैप तैयार किया. इसके पहले चरण में 50 हजार सोलर पम्प सेट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पिछले 7 वर्षो में 25,897 सोलर पम्प सेट लगाए हैं. वर्ष 2021-22 के लिए 22 हजार सोलर पंप (Solar Pump) देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अब तक 15 हजार सोलर पंप प्रदान किए जा चुके हैं तथा शेष 7 हजार सोलर पंप मार्च 2022 तक दे दिए जाएंगे. इसके साथ ही वर्ष 22-23 में 50 हजार सोलर पम्प लगाए जाएंगे.
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कहां और कैसे करें आवेदन
हरियाणा के जो किसान सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम लगाना चाहते हैं, उन्हें http://saralharyana.gov.in/ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन की कोई भी हार्ड कॉपी विभाग/हरेडा द्वारा स्वीकृत नहीं की जाएगी.
भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जहां वर्ष के दौरान 320 दिन सूर्य की रोशनी मिलती है, जो सौर ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत है. गुजरात के बाद हरियाणा देश का दूसरा राज्य है जिसने सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है. अब आने वाले समय में देखना ये है की सरकार किसानों के लिए कितना सोचती है.