आज के समय में ज्यादातर किसान भाइयों की मांग जैविक खेती (Organic farming) है. देखा जाए तो किसान इसके लिए नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ताकि वह इसकी खेती से अधिक से अधिक लाभ कमा सके. इसलिए कुछ किसान भाई तो इसकी खेती को लेकर बेहद ही ज्यादा गंभीरता दिखाते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जैविक खेती (jaivik kheti) में किसानों के लिए अपार संभावनाएं हैं. क्योंकि इसमें जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. आसान भाषा में कहें तो जैविक खेती मिट्टी में प्राकृतिक गुणों को बनाए रखती है. इस खेती के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार भी अपने-अपने स्तर पर कुछ बेहतरीन योजनाएं चलाती रहती है. इन्हीं में से एक जैविक खेती योजना है, जिससे जुड़कर किसानों को कई गुणा लाभ प्राप्त होता है, तो आइए आज के इस लेख में हम जैविक खेती योजना (jaivik kheti yojana) के बारे में विस्तार से जानते हैं. ताकि आप भी इसका लाभ सरलता से उठा सकें.
जैविक खेती योजना
खेती में केमिकल युक्त खाद, खरपतवार व कीटनाशकों के इस्तेमाल से हो रही खतरनाक बीमारियों को रोकने के लिए सरकार ने जैविक खेती योजना यानी की जैविक खेती प्रोत्साहन योजना को शुरू किया. बता दें कि इस खेती में किसान अपने खेत में रासायनिक उर्वरक की जगह जैविक खाद, हरी खाद, गोबर खाद, गैस खाद, केंचुआ खाद आदि प्राकृतिक खादों का इस्तेमाल करते हैं.
इस योजना का उद्देश्य
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जैविक खेती को अपनाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी.
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फसलों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी.
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मनुष्य को फसलों से होने वाली बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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इस खेती से किसानों को खेती में लागत कम मुनाफा अधिक प्राप्त होता है.
ऐसे करें जैविक खेती योजना के लिए आवेदन
अगर आप भी अपने खेत में जैविक खेती करना चाहते हैं. वो भी सरकार की आर्थिक सहायता के द्वारा, तो आपको इसके लिए जैविक खेती पोर्टल पर जाना होगा.
जहां आपको इस साइट के होम पेज पर बायर के विकल्प पर क्लिक करना होगा.
इसके बाद आपको बायर रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करना है.
फिर आपको अपनी सभी जरूरी जानकारी दर्ज करनी होगी.
अंत में आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करके इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा.
जैविक खेती से जुड़ें लाभों को देखते हुए भारत सरकार ने इससे जुड़ी कई विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए हैं. जिसमें शामिल होने वाले किसानों की मदद की जाती है. जो कुछ इस प्रकार से हैं.
परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संचालित इस योजना में कृषको का समूह बना कर उन्हें जैविक खेती के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित करने से लेकर उनके उत्पादों के प्रमाणीकरण, प्रसंस्करण तथा विपणन तक से समस्त कार्यकलापों हेतु सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना से जुड़े किसानों को 3 साल में पूर्णतया जैविक खेती करने के लिए आवश्यक आदान हेतु आर्थिक सहायता भी दी जाती है.
भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति ( BPKP): भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोग की पहल पर प्रस्तावित इस योजना में कृषको का बहुस्तरीय समूह बना कर उन्हें पारंपरिक तथा प्राकृतिक खेती पद्धतियों के प्रति प्रेरित एवं प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाएगा. इस योजना में कृषकों को गौ आधारित कृषि एवं उनके प्रक्षेत्र पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों तथा पारम्परिक आदानों का फसल उत्पादन हेतु समुचित उपयोग करने हेतु प्रशिक्षित कर सहायता की जाती है.
मॉडल क्लस्टर योजना/ कृषक उत्पादक समूह (FPO):नाबार्ड एवं भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जा रही इस योजना में कृषकों को कम्पनी एक्ट में पंजीकृत कृषक उत्पादक समूह बना कर जैविक उद्यमी के रूप में विकसित करने हेतु हर प्रकार से सहायता एवं सहयोग किसानों को दिया जाता है.
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मिशन ऑर्गेनिक मूल्य संवर्धन श्रृंखला योजना:परंपरागत कृषि विकास योजना के आधार पर पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक खेती की अपार संभावनाओं का उपयोग करने हेतु भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा यह योजना चलाई है, जिसमें कृषक समूहों को उनके जैविक खेती करने एवं जैविक उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में विपणन करने हेतु किसानों की हर प्रकार से सहायता की जाती है.