आधुनिकीकरण के इस युग में किसानों को उनकी अच्छी उपज प्राप्त करने में काफी सहायता मिल रही है, लेकिन उपज के बाद भी उन्हें सही कीमत नहीं मिल पा रही है. जिसका सबसे बड़ा कारण है वक्त रहते फसल का सही से भंडारण न होना. ऐसा इसलिए है क्योंकि किसानों की फसल एक साथ पकती है जिसके बाद भंडारण की सही व्यवस्था न होने के कारण अधिकतर फसल वहीं पड़े-पड़े खराब हो जाती है. इसको देखते हुए राजस्थान सरकार किसानों की सहायता के लिए एक बार फिर से आगे आई है. किसानों को प्याज भंडारण खोलने के लिए 50 फीसदी का अनुदान दिया जा रहा है.
प्याज भंडारण संरचना पर 50 फीसदी अनुदान
राजस्थान सरकार किसानों की सुविधा के लिए हमेशा से ही आगे आते रही है. जिसमें किसानों के लिए सब्सिडी योजना बहुत अहम है. इस बार भी राज्य सरकार ने किसानों को प्याज भंडारण स्थान खोलने के लिए 50 फीसदी अनुदान देने का ऐलान किया है, जिसमें अधिकतम 87500 रुपए की आर्थिक सहायता किसानों को दी जाएगी. राज्य सरकार ने 10000 किसानों के लिए 2550 भंडारण की ईकाई स्थापित करने के लिए 87.50 करोड़ रुपए की राशि आवंटित करने का लक्ष्य रखा है. इस योजना के तहत किसान 25 मै. टन क्षमता वाले भंडारण की इकाई का निर्माण करवा सकते हैं.
पात्रता
इस सब्सिडी योजना का लाभ केवल राजस्थान के नागरिकों को ही मिल सकता है. साथ ही आवेदक के पास न्युनतम 0.5 है. भू-स्वामित्व होना अनिवार्य है. इसके अलावा इस योजना का लाभ केवल उन किसानों को ही मिल पाएगा जो प्याज की खेती करते हैं.
कैसे करें आवेदन
किसान राजस्थान सरकार की भंडारण योजना का लाभ पाने के लिए नजदीकी ई-मित्र केंद्र में जाकर संपर्क कर सकते हैं. साथ ही आवेदन किसान के पास आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, 6 माह पुरानी जमाबन्दी की नकल होनी अनिवार्य है.
भंडारण यूनिट की आवश्यकता क्यों है?
जलवायु परिवर्तन के कारण इन दिनों मौसम में काफी बदवाल देखने को मिल रहा है. जिसके चलते आम जन के साथ-साथ किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. किसान की फसल पकने की कगार पर होती हैं कि मौसम की मार उन पर पड़ने लगती है. ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण की आवश्यकता होती है. जहां पर वह अपनी कटी हुई फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं.
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इसके अलावा अक्सर किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है, ऐसे में किसान अपनी उपज को स्टोरेज में रख सकते हैं और बाजार में कीमत अधिक होने पर किसान स्टोरेज से अपनी फसल निकालकर सही मूल्य प्राप्त कर सकते हैं.