किसानों की आय को सुरक्षित करने और बागवानी फसलों को प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana) की शुरुआत की है. यह योजना विशेष रूप से सब्जियों, फलों और मसालों की खेती करने वाले किसानों के लिए डिज़ाइन की गई है. इसमें किसानों को प्रति एकड़ सिर्फ 2.5% प्रीमियम राशि देनी होगी, जो सब्जियों और मसालों के लिए 750 रुपये और फलों के लिए 1,000 रुपये प्रति एकड़ है.
इसके बदले में, किसानों को फसल नुकसान होने पर सब्जियों और मसालों के लिए 15,000 से 30,000 रुपये और फलों के लिए 20,000 से 40,000 रुपये तक का मुआवजा मिलेगा. यह योजना किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से बचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है. ऐसे में आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं-
योजना का उद्देश्य और लाभ
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, बाढ़, पाला, तापमान में अत्यधिक वृद्धि या कमी, आंधी-तूफान और आग से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है. यह योजना किसानों को उनकी फसलों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलती है.
इस योजना के तहत 46 प्रकार की फसलों को शामिल किया गया है, जिनमें सब्जियां, फल और मसाले शामिल हैं. सब्जियों में अरबी, भिंडी, करेला, लौकी, बैंगन, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, गाजर, गोभी, मिर्च, खीरा, ककड़ी, खरबूज़, प्याज, मटर, आलू, कद्दू, मूली, तोरई, टिंडा, जुकिनी, टमाटर, तरबूज जैसी फसलें शामिल हैं, जबकि फलों में आँवला, बेर, चीकू, खजूर, ड्रैगन फल, अंजीर, अंगूर, अमरूद, जामुन, किन्नू, लैमन, नींबू, लीची, मालटा, संतरा, आम, आड़ू, नाशपाती, आलू बुख़ारा, अनार और स्ट्रॉबेरी जैसे फल शामिल हैं. मसालों में हल्दी और लहसुन को भी इस योजना में शामिल किया गया है.
जायद रबी में किन फसलों का बीमा होगा?
जायद रबी में किसान भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, टिंडा, तोरई, कद्दू, खीरा और अरबी आदि फसलों का बीमा करा सकते हैं. इसके अलावा मार्च माह में किसान किन्नू, अनार, माल्टा, लाइम, नींबू, संतरा, आँवला आदि फलों का भी बीमा करा सकते हैं.
बीमा राशि और प्रीमियम
इस योजना के तहत सब्जियों और मसालों के लिए प्रति एकड़ 30,000 रुपये की बीमा राशि तय की गई है, जबकि फलों के लिए यह राशि 40,000 रुपये प्रति एकड़ है. किसानों को इस बीमा राशि के लिए सिर्फ 2.5% प्रीमियम देना होगा. यानी सब्जियों और मसालों के लिए 750 रुपये और फलों के लिए 1,000 रुपये प्रति एकड़. यह प्रीमियम राशि किसानों के लिए बहुत ही कम है, जिसे किसान बहुत आसानी से जमा कर सकते हैं.
मुआवजा राशि का निर्धारण
योजना के तहत मुआवजा राशि फसल के नुकसान के प्रतिशत के आधार पर तय की जाती है. अगर फसल का नुकसान 0 से 25% तक है, तो किसान को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा. यदि नुकसान 26 से 50% तक है, तो किसान को 50% मुआवजा दिया जाएगा, जो सब्जियों और मसालों के लिए 15,000 रुपये और फलों के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ होगा.
अगर नुकसान 51 से 75% तक है, तो किसान को 75% मुआवजा मिलेगा, जो सब्जियों और मसालों के लिए 22,500 रुपये और फलों के लिए 30,000 रुपये प्रति एकड़ होगा. यदि फसल का नुकसान 75% से अधिक है, तो किसान को पूरी बीमा राशि का 100% मुआवजा मिलेगा, जो सब्जियों और मसालों के लिए 30,000 रुपये और फलों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ होगा.
आवेदन प्रक्रिया और पंजीकरण
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को पंजीकरण कराना होगा. रबी जायद की पंजीकरण की अवधि 15 जनवरी से 15 मार्च तक है. किसान ऑनलाइन पोर्टल https://mbby.hortharyana.gov.in/ के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. यदि किसान पंजीकृत नहीं है, तो वे https://fasal.haryana.gov.in/ पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
नोट: किन्नू, अनार, माल्टा, लाइम, नींबू, संतरा, आँवला का बीमा किसान 1 मार्च से 31 मई तक करा सकते हैं.