किसानों के लिए पशुपालन में नुकसान की कम संभावना रहती है. आज पशुपालन क्षेत्र में कई नए वैज्ञानिक तरीके भी विकसित हो गए हैं, जो किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होते जा रहे हैं. इन नए वैज्ञानिक तरीकों से किसान आसानी से अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं.
बता दें कि किसानों व पशुपालकों द्वारा कई पशुओं का पालन किया जाता है, जिनसे अधिक आय मिलने की उम्मीद भी होती है. इसी कड़ी में पशुपालन में गौपालन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है.
दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए एवं उनकी सही देखभाल करने के लिए मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना (Chief Minister Gau-Seva Scheme) की शुरुआत की है. इस योजना के तहत राज्य में 1768 गौशाला चलाई जा रही हैं, जिसमें करीब 2.5 लाख से ज्यादा गौ-वंश की देखभाल की जा रही है.
इसके अलावा राज्य सरकार गाय पालन करने के लिए अब प्रति गौवंश पर प्रति दिन के हिसाब से 20 रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है, ताकि किसानों को गाय पालन करने के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी न आए.
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पिछले कुछ दिनों में गाय पालन (Cow Rearing) व्यवसाय का काफी विकास हुआ है. गाय पालन अब सिर्फ गांव तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि शहरों में भी इसका चलन काफी बढ़ गया है. गाय पालन एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय है, क्योंकि गाय के दूध और गोबर, बहुत उपयोगी होते हैं. गाय पालन का व्यवसाय 4 से 5 गायों से ही शुरू किया जा सकता है. गाय के दूध की बात करें, तो आमतौर पर एक गाय 30 से 35 लीटर दूध देती है. आप गाय पालन से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
राज्य सरकार का उद्देश्य (State Government Objectives)
राज्य का मुख्य लक्ष्य यह है कि किसानों की आय को दोगुना किया जा सके. इसके साथ ही गौपालन को बढ़ावा दिया जा सके. इस तरह गाय पालन किसान व पशुपालकों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है.