मध्यप्रदेश में लिंगानुपात में सुधार लाने और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसमें ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ एक महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना की शुरूआत 1 अप्रैल, 2007 में की गई थी और उसके बाद इसे 6 अन्य राज्यों में भी लागू किया गया.
लेकिन अहम बात ये है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो नवंबर के दिन इस योजना के तहत 12500 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में वितरण किए जाएंगे. कार्यक्रम का आयोजन राजधानी भोपाल के रवीन्द्र भवन में किया जाएगा साथ ही इस कार्यक्रम में करीब डेढ़ हजार कॉलेज में एडमिशन लेने वाली लड़कियों को बुलाया जाएगा.
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जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर पर किया जाएगा और पूरे प्रदेश में करीब 42 लाख लाडली लक्ष्मी योजना के तहत आने वाली लड़कियां मौजूद हैं जिनमें से करीब 78 हजार लड़कियों को कॉलेज में प्रवेश मिला है. ऐसे में उन बालिकाओं को अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना के तहत राशि दी जाएगी.
लाडली लक्ष्मी योजना क्या है ?
मध्यप्रदेश में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा साल 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत बेटी के जन्म से (रजिस्ट्रेशन) अगले पांच साल तक हर साल 6,000 रुपये उसके नाम से जमा किये जाते हैं. इसके अलावा छठी कक्षा में प्रवेश के समय 2,000, नौवीं कक्षा में प्रवेश पर 4,000 रुपए और 11 वीं कक्षा में प्रवेश करने पर 7500 रुपए दिए जाते हैं. जब लड़की की उम्र 21 साल हो जाती है तो उस समय 1 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाता है.
लाडली लक्ष्मी योजना की पात्रता
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लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे पहले राज्य का मूल-निवासी होना जरूरी है.
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लड़की के जन्म के बाद माता-पिता ने परिवार नियोजन अपनाया हो.
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इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए जन्म के एक साल के भीतर ही नामांकन कराना जरुरी है.
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ध्यान रहे कि इस योजना का लाभ तभी प्राप्त कर सकते हैं जब लड़की की शादी 18 साल से कम उम्र में न हुई हो.
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अगर किसी ने लड़की को गोद लिया है तो वो भी इस योजना में नामांकन करा सकते हैं.