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Updated on: 9 June, 2022 12:00 AM IST
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देशभर के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन क्या आपने कभी कोई ऐसी योजना के बारे में सुना या पढ़ा है, जिसके तहत उन किसानों को लाभ मिलता है, जो धान की खेती नहीं करते हैं.

जी हां, ऐसी योजना हरियाणा सरकार के द्वारा चलाई जा रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसी योजना की शुरुआत क्यों की गई है. तो चलिए इस लेख में जानते हैं. 

क्यों शुरु की गई मेरा पानी मेरी विरासत योजना?

हरियाणा के किसानों के लिए राज्य सरकार ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ चलाती है. इस योजना के तहत उन किसानों को लाभ मिलता है, जो धान की खेती नहीं करते हैं. दरअसल, प्रदेश में धान की खेती करने की वजह से भू-जल स्तर कम हो रहा है. यही वजह है कि सरकार किसानों को धान की खेती छोड़ने पर सब्सिडी मुहैया करा रही है. जी हां, हरियाणा सरकार ‘मेरा पानी मेरी विरासत योजना’ के तहत किसानों को धान की खेती को छोड़कर दूसरी फसलों की खेती करने पर सब्सिडी देती है.

योजना का उद्देश्य क्या है?

  • राज्य के भू-जल स्तर को बढ़ाना

  • जल का संरक्षण और सदुपयोग करना

  • धान की खेती की जगह दूसरी फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित करना

किन किसानों को मिलता है योजना का लाभ ?

  • मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो धान और बाजरा की जगह अन्य फसलों की खेती करेंगे

  • यही नहीं उन किसानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा, जो अपनी खेतों को खाली रखेंगे.

किसानों को कितना मिलता है अनुदान राशि ?

कृषि विभाग किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 7 हजार रुपये मुहैया कराती है. हालंकि इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा धान की सीधी बुवाई करना भी है. ऐसे में किसानों को धान की सीधी बुवाई करने पर भी 4000 रूपये की मदद दी जाती है.

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आवेदन की आखिरी तारीख 30 जून

राज्य के जो किसान भाई इस योजना के लिए पात्र है और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल (https://fasal.haryana.gov.in/ ) पर रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है. आवेदन की आखिरी तारीख 30 जून निर्धारित की गई है.

English Summary: know about mera paani meri viraasat yojana
Published on: 09 June 2022, 05:27 IST

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