उत्तराखंड में एक नई योजना लागू करने का आदेश जारी किया गया है. यह योजना प्रवासियों के लिए आजीविका का मजबूत आधार बन सकती है. दरअसल, राज्य में मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना लागू की गई है. आइए आपको इस योजना से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देते हैं.
क्या है मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना
यह मुख्यमंत्री की ड्रीम परियोजना है. इसके तहत राज्यभर में 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का स्वरूप इस तरह तैयार किया गया है कि डेढ़ से ढाई लाख रुपए तक की पूंजी वाला व्यक्ति सरकार के सहयोग से परियोजना लगा सकता है. अनुमान है कि इस परियोजना पर लगभग 10 लाख रुपए तक की लागत आएगी.
लोन अदा करने की अवधि 15 साल
इस परियोजना के तहत लगने वाली 70 प्रतिशत राशि राज्य और जिला सहकारी बैंक से 8 प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण के रूप में लेने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही लोन अदा करने की अवधि 15 साल रखी गई है. इसकी समान मासिक किस्त कम धनराशि की होगी. इससे विकासकर्ता पर बोझ नहीं पड़ेगा. बाकी 30 प्रतिशत मार्जिन मनी पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएगी.
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सीमांत जिलों में 30 प्रतिशत तक सब्सिडी
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पर्वतीय जिलों में 25 प्रतिशत तक सब्सिडी
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अन्य जिलों में 15 प्रतिशत तक सब्सिडी
जानकारी के लिए बता दें कि सब्सिडी की राशि मार्जिन मनी पर मिलेगी. इसके अलावा भूपरिवर्तन के बाद मोर्टगेज के लिए वसूली जाने वाली स्टांप डयूटी भी माफ कर दी गई है. यह स्टांप डयूटी लोन राशि का 7 प्रतिशत लिया जाता है, जो कि लगभग 49 हजार रुपए है. इस योजना के जरिए 10 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य बनाया गया है.
जल्द शुरू होंगे ऑनलाइन आवेदन
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना के लिए अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. आप आधिकारिक वेबसाइट पर जारप आवेदन कर सकेंगे. इसके आवेदन के लिए 500 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. यह भुगतान बैंक ड्राफ्ट के जरिए होगा. इस योजना के तहत आवेदनों की जांच के लिए जिला स्तर पर तकनीकी समिति का गठन होगा. यही समिति आवेदनों की जांच करेगी.