किसान हमेशा से हमारे देश की आर्थिक मजबूती का आधार रहे हैं. सरकार इनोवेशन और कुछ ठोस उपायों के जरिए देश के इस आधार को मजबूत बनाने की कोशिश में रहती है. कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है . वो अहम कदम कौन से है जानने के लिए पढ़िएं इस पूरे लेख को.
दरअसल, भारत सरकार राष्ट्रीय किसान डेटाबेस स्थापित करने की योजना बना रही है. भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 27 जुलाई को लोकसभा में किसानों के लिए इस डेटाबेस की घोषणा की. इस योजना के तहत देश के किसानों के डिजिटल भूमि रिकॉर्ड शामिल होंगे और सार्वभौमिक पहुंच के लिए ऑनलाइन सिंगल साइन-ऑन सुविधाओं में सहायता मिलेगी और मौसम परामर्श, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और बीमा सुविधाओं आदि की जानकारी भी दी जाएगी.
राष्ट्रीय किसान डेटाबेस का उद्देश्य- Objective of National Farmers Database-
राष्ट्रीय किसान डेटाबेस का मुख्य उद्देश्य उपलब्ध डेटा से डेटा आधारित समाधान विकसित करके देश के किसानो की आय को बढ़ाना है.
कृषि गतिविधियों को आसान बनाना है.
यह किसानों के लिए खेती करने की प्रक्रिया को आसान करेगा.
इसके साथ ही इस प्रक्रिया से सुनिश्चित होगा कि किसानों को उनकी फसल का उपयुक्त मूल्य मिले
राष्ट्रीय किसान डेटाबेस से होने वाले लाभ–Benefits of National Farmers Database
राष्ट्रीय किसान डेटाबेस से किसान खेती से सम्बंधित हर प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकता है. जैसे - मिट्टी और पौधों का अच्छा रखरखाव कैसे करना है ये सलाह, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, सिंचाई सुविधाएं, निर्बाध ऋण और बीज, उर्वरक, कीटनाशक से संबंधित जानकारी, कीटनाशक से संबंधित जानकारी, उर्वरक, पीयर टू पीयर लेंडिंग इत्यादि.
क्या कहते है कृषि मंत्री– Agriculture Minister
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों के डेटाबेस पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “सरकार का लक्ष्य एक संघीय राष्ट्रीय किसान डेटाबेस बनाना है और इस डेटाबेस को बनाने के लिए डिजीटल भूमि रिकॉर्ड का उपयोग डेटा विशेषताओं के रूप में किया जाएगा.
सबसे पहले उन्होंने कहा, “किसानों के डेटाबेस में वे किसान शामिल होंगे, जो सरकारी डेटाबेस के अनुसार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित कृषि भूमि के कानूनी मालिक हैं. भविष्य में, परामर्श में राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ.अन्य लोगों को शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है.
कृषि मंत्री का कहना है कि, यह राष्ट्रीय डेटाबेस किसानों को सक्रिय एवं व्यक्तिगत सेवाएँ प्रदान करेगा. साथ ही सरकार इस डेटाबेस में किसानों के व्यक्तिगत विवरण संबंधी डेटा की गोपनीयता भी सुनिश्चित करेगी. इसके साथ ही किसानों के डेटाबेस में वे किसान शामिल होंगे, जो सरकारी डेटाबेस के अनुसार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित कृषि भूमि के कानूनी मालिक हैं.
भविष्य में, परामर्श में अन्य लोगों को शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है. सरकार का लक्ष्य एक संघीय राष्ट्रीय किसान डेटाबेस बनाना है और इस डेटाबेस को बनाने के लिए डिजीटल भूमि रिकॉर्ड का उपयोग डेटा विशेषताओं के रूप में किया जाएगा.
तोमर ने कहा, ‘‘एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है और इसके अलावा, न केवल विभाग की वेबसाइट के माध्यम से बल्कि ई-मेल के माध्यम से, आम जनता से टिप्पणी मांगी गई है. इसमें विशेष रूप से विषय वस्तु के विशेषज्ञों, कृषि-उद्योग, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों जैसे आम जनता की टिप्पणियों के लिए आईडीईए पर एक अवधारणा पत्र जारी किया गया है.
ऐसी ही योजना सम्बंधित जानकारी जानने और पढ़ने के लिए जुड़े रहिये कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से.