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Updated on: 29 June, 2020 12:00 AM IST

छत्तीसगढ़ सरकार गौ-पालन के लिए खास योजना लेकर आई है, जिसके द्वारा किसान औऱ पशुपालक की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाया जाएगा. इसके साथ ही खुले में चराई पर रोकथाम, सड़कों और शहरों में आवारा घूमते पशुओं पर रोकथाम, पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिल पाएगी. इसके लिए गोधन न्याय योजना का ऐलान किया गया है. इसकी शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी. इन दिन से किसानों और पशुपालकों से गोबर निर्धारित दर पर खरीदा जाएगा. इस योजना के जरिए गांवों में रोजगार के अवसर भी प्रदान हो पाएंगे.   

क्या है गोधन न्याय योजना

छत्तीसगढ़ राज्य में खुले में चराई की परंपरा रही है. इससे किसान की फसलों को काफी नुकसान होता है. इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाएं भी होती है कई पशुपालक दूध निकालने के बाद पशुओं को खुला छोड़ देते हैं. इस स्थिति में सुधार लाने के लिए इस योजना को लागू किया गया है. इस योजना के तहत पशुपालक अपने पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध कर पाएंगे, साथ ही उन्हें बांधकर रखेंगे. इससे उन्हें गोबर प्राप्त होगा, जिसे वह सरकार को बेचकर आर्थिक लाभ कमा पाएंगे.

किसान और पशुपालकों को आर्थिक लाभ

  • राज्य में गौपालन को बढ़ावा मिल पाएगा.

  • पशुओं की सुरक्षा हो पाएगी.

  • पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ मिल पाएगा.

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

  • गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण होगा.

  • राज्य के 2200 गांवों में गौठानों का निर्माण हो चुका है.

  • इसके साथ ही 2800 गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है.

  • बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूहों के जरिए शुरू किया गया है.

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गोबर खरीदने की दर होगी निर्धारित

गोधन न्याय योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदा जाएगा. इसके लिए दर निर्धारित की जाएगी. यह दर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री द्वारा तय की जाएगी. इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लागू किया गया है. इससे अतिरिक्त आमदनी होगी, साथ ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. खास बात है कि किसान वर्मी कम्पोस्ट के जरिए जैविक खेती कर पाएंगे. इस योजना के जरिए तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से की जाएगी.

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English Summary: Government of chhattisgarh Godhan naye scheme under the farmer and herders will buy cow dung
Published on: 29 June 2020, 08:43 IST

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