Agricultural Fencing Scheme: किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक पहल की शुरू की है, जिसके तहत छोटे और मध्यम किसानों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचेगा. राज्य सरकार के द्वारा शुरू की गई यह नई योजना फसल को सुरक्षित रखेगी. दरअसल, प्रदेश सरकार के द्वारा फल, फूल, सब्जी और मसाले की फसल उगाने वाले किसानों को अपने खेतों की सुरक्षा के लिए जाली लगाने में आर्थिक मदद दी जाएगी.
प्रदेश के ज्यादतार किसान जंगली जानवरों के कारण फसलों को होने वाले नुकसान से परेशान रहते हैं. खासकर वे किसान जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे खेत के चारों तरफ लोहे की जाली नहीं लगवा पाते, जिससे उनकी मेहनत और लागत दोनों बर्बाद हो जाती है. लेकिन अब इस समस्या का हल राज्य सरकार ने निकाल लिया है. यहां जाने इस पहले से जुड़ी हर एक डिटेल...
खेत में जाली के लिए मिलेगा 50% अनुदान
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत उद्यानिकी फसल उगाने वाले किसानों को खेत की चारदीवारी में गेल्वनाइज्ड जाली लगाने में आने वाले खर्च का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार खुद वहन करेगी. यानी किसान को अब जाली लगाने के कुल खर्च का केवल आधा ही देना होगा. इस योजना के अंतर्गत सब्जी, फल, फूल और मसाले की फसलें उगाने वाले किसान पात्र होंगे. योजना का उद्देश्य है कि किसानों की फसलें जंगली जानवरों जैसे नीलगाय, सुअर, बंदर आदि से सुरक्षित रहें, जिससे उनका उत्पादन और आय दोनों बढ़ सके.
कितना आएगा खर्च और कैसे मिलेगा लाभ?
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जाली लगाने पर औसतन 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर खर्च आता है. यदि किसी किसान को अपने खेत में 1000 रनिंग मीटर जाली लगानी है, तो उसका कुल खर्च लगभग 3 लाख रुपये होगा. इसमें से 1.5 लाख रुपये सरकार देगी और बाकी 1.5 लाख रुपये किसान को खुद देने होंगे.
कैसे करें आवेदन?
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा इस योजना के लिए इच्छुक किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं. किसान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं और सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं. यह योजना प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके फसल उत्पादन को सुरक्षित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है. इससे किसानों को आर्थिक सहारा भी मिलेगा और वे बागवानी की ओर अधिक आकर्षित होंगे.