अगर कम पैसों में आप भी कोई काम शुरू करना चाहते हैं तो जरूरी नहीं है कि आप शहरों का रुख़ करें. शहरों की अपेक्षा अपने गांव में भी आप कम लागत में अच्छा काम शुर कर सकते हैं. आप चाहें तो जैविक खेती या पशुपालन का काम कर सकते हैं. साथ ही बागवानी में भी अपनी किस्मत आज़मा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए सरकार इस तरह के स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर रही है. अलग-अलग विभागों के माध्यम से लोग इन स्टार्टअप्स पर सब्सिडी स्कीम के तहत पैसा ले सकते हैं. चलिए आज आपको कुछ ग्रामीण स्टार्टअप्स पर मिलने वाली सब्सिडी स्कीम के बारे में बताते हैं.
जैविक खेती
समय के साथ एक बार फिर लोगों में शुद्ध खाने को लेकर होड़ मची हुई है. प्रदूषण को देखते हुए जैविक फल-सब्जियों एवं अनाजों की अच्छी मांग है. किसान भी आज जैविक खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसी बात को देखते हुए सरकार जैविक खेती पर 40 से 60 लाख तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है. यह सब्सिडी किसानों को नाबार्ड के माध्यम से मिल रही है. योजना के मुताबिक बायोफर्टिलाइज़र या बायोपेस्टिसाइड की यूनिट लगाने पर कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट पर 25 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है. हालांकि सब्सिडी की अधिकतम राशि 40 लाख रुपए तक ही हो सकती है.
फल-सब्जियों के उत्पादन पर
इसी तरह अगर आप फल एवं सब्जियों की ‘वेस्ट कम्पोस्ट यूनिट’ लगाने का विचार कर रहे हैं तो आपको 33 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिल सकती है. इस सब्सिडी की अधिकतम राशि 60 लाख रुपए तक है. इस काम के लिए एसबीआई से आप लोन ले सकते हैं. बायो फर्टिलाइज़र यूनिट पर 25 से 33 फीसदी तक आपका पैसा लगता है जबकि 25 फीसदी सब्सिडी का पैसा सरकार देती है.
पशुपालन
पशुपालन के व्यव्साय में 2 से लेकर 10 पशुओं पर सरकार आपको 25 फीसद तक की सब्सिडी देती है. वहीं अगर आप 10 पशुओं की डेयरी खोलते हैं तो आपको 25 फीसदी तक की सब्सिडी मिलती है लेकिन ध्यान रहे कि नाबार्ड स्कीम के तहत 10 पशुओं में क्रॉसब्रिड गाय या साहीवाल, राठी, रेड सिंधी, गीर आदि ग्रेड का बैल शामिल होना ज़रूरी है. योजना के मुताबिक 5 लाख के इन्वेस्टमेंट पर 1.25 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है.
एससी-एसटी को विशेष सब्सिडी
इसी तरह के स्टार्टअप्स अगर कोई एससी-एसटी किसान करता है तो उसको 1.67 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है.
बागवानी पर 37.50 लाख तक की सब्सिडी
बागवानी पर सरकार की तरफ से 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड किसानों को कॉमर्शियल हॉर्टिकल्चर स्कीम के तहत पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेंट कम्पोनेंट एवं प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने के लिए 40 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है. ये सब्सिडी प्रोजेक्ट कॉस्ट को देखत हुए दी जा रही है जिसकी अधिकतम राशि 30 लाख रुपए तक की है. हालांकि इसी प्रोजेक्ट को नॉर्थ ईस्ट में लगाने पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है जिसकी अधिकतम राशि 37.50 लाख रुपए तक की गई है.