राजस्थान सरकार राज्य के किसानों की भलाई के लिए हमेशा उनके साथ खड़ी रहती है. कभी सरकार उनकी आर्थिक मदद करती है, तो कभी उनके लिए नई-नई योजनाओं को लॉन्च करती रहती है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसानों के समर्थन में पत्र लिखा है.
दरअसल, उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 2022 में जारी नए नियमों में एसडीआरएफ से किसानों को फसल खराबे के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) में मिलने वाली राशि के साथ समायोजन को समाप्त करने का आग्रह किया है. इसके अलावा उन्होंने यह भी लिखा है कि इससे किसानों को फसल खराबे के लिए त्वरित सहायता नहीं मिल पा रही है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को आपदाओं के दौरान मिलने वाली बीमित राशि की गणना करना एक मुश्किल एवं लम्बी प्रक्रिया है. इससे एसडीआरएफ (SDRF) सहायता देने में देरी होती है, जबकि किसानों को फसल खराबे के तुरंत बाद अगली फसल के लिए रकम जुटानी होती है.
किसानों को नहीं मिल रही समय पर सहायता
समायोजन के नियम से पहले SDRF के तहत किसानों को त्वरित रूप से आर्थिक सहायता दी जा सकती थी. नए नियम से किसानों को समय पर सहायता न मिलने से एसडीआरएफ का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पा रहा है. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री का कहना है कि नए नियमों को विलोपित कर एसडीआरएफ के तहत मिलने वाली सहायता को एक तात्कालिक सहायता के रूप में दिया जाना चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस संदर्भ में राजस्थान सरकार ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट CMO Rajasthan पर ट्वीट भी किया है.
2 हेक्टेयर की सीमा में वृद्धि का आग्रह
साथ ही गहलोत ने पत्र में लिखा कि नए नियम में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ में किसानों को फसल खराबे से मिलने वाली राहत को मात्र 2 हेक्टेयर की जोत तक सीमित किया गया है. राजस्थान, विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में किसानों की औसत जोत का आकार इससे बड़ा होने के कारण फसल खराबे के लिए उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.
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मुख्यमंत्री ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों को वास्तविक नुकसान के आधार पर एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ में सहायता प्रदान करने के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा में वृद्धि करने का आग्रह किया है.