सभी मौसम ( रबी, खरीफ़ और जायद) की फसलों में प्रायः देखा जाता है कि उनकी बुवाई, निराई और गुड़ाई के समय कीट लग जाते हैं जिससे फसल रोगग्रस्त हो जाती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार केवल उत्तर प्रदेश राज्य में फसलों में कीट, रोग तथा खरपतवारों आदि द्वारा लगभग 15 से 20 प्रतिशत फसल क्षति हो जाती है, जिसमें लगभग 33 प्रतिशत खरपतवारों, 26 प्रतिशत रोगों, 20 प्रतिशत कीटों, 7 प्रतिशत भण्डारण के कीटों, 6 प्रतिशत चूहों तथा 8 प्रतिशत अन्य कारक सम्मिलित होते हैं.
इस क्षति को रोकने के लिये फसलों मे कीट, रोग एवं खरपतवार नियंत्रण की नई तकनीक की जानकारी प्रदेश के सभी जिलों को दिया जाना अनिवार्य है जिसके माध्यम से कृषि उत्पादन मे गुणात्मक वृद्धि हेतु कृषि विकास से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण घटकों द्वारा संयुक्त प्रयास सम्भव हो सके. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सहायता के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया है. सरकार का ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट/रोग नियंत्रण योजना को सम्मिलित किया जाना है. कृषि रक्षा अनुभाग द्वारा सम्पादित कार्यो एवं संचालित कार्यक्रमों का प्रमुख उद्देश्य है...
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एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन (आई0पी0एम0) को लोकप्रिय बनाना तथा कृषकों को कृषि रक्षा सम्बन्धी तकनीकी विधि की सामयिक जानकारी देना.
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गुणवत्तायुक्त कृषि रक्षा रसायनों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कराना.
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सुरक्षात्मक दृष्टि एवं आर्थिक क्षति स्तर से अधिक आपतन की दशा में कृषि रक्षा रसायनों के प्रयोग की सलाह देना. जैविक रसायनों द्वारा फसल सुरक्षा हेतु प्रोत्साहित करना.
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सुरक्षित एवं इकोफ्रेन्डली रसायनों का उपयोग कराना. कीटनाशी गुण नियंत्रण सम्बन्धी प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कराना.
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तिबंधित एवं निषिद्ध कीटनाशी रसायनों के बारे में कृषकों को जागरुक करना. कीट/रोग के प्रकोप को सर्वेलांस (निगरानी) के माध्यम से प्रबन्धन करना.
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सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पी०सी०एस०आर०एस०) द्वारा किसान सहायता हेतु मोबाइल नंबर
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इस योजना में मुख्यालय स्तर पर स्थापित सर्वेलांस सेल मे दो मोबाइल नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 जारी किए गए हैं. प्रदेश के किसान इन द्वारा एस0एम0एस0/व्हाट्सएप द्वारा कीट/रोग से सम्बन्धित समस्याएं भेज सकते हैं. प्रदेश स्तर पर स्थापित सर्वेलांस सेल में कृषकों द्वारा एस0एम0एस0/व्हाट्सएप द्वारा भेजी गई समस्याओं को कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा डाउनलोड कर सम्बन्धित जिला कृषि रक्षा अधिकारी को योजनान्र्तगत बनी उनकी लॉग-इन पर उपलब्ध कराया जाता है. प्राप्त समस्या को सम्बन्धित जनपदों (जिले) के जिला कृषि रक्षा अधिकारी अपने लॉग-इन से प्राप्त करते हुए दो दिनों (48 घंटे) मे उसका निराकरण सम्बन्धित किसान को एसएमएस के माध्यम से भेजना सुनिश्चित करते हैं.
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर विजिट करें : - http://upagripardarshi.gov.in/