किसानों के हित और कृषि क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से देश के विभिन्न राज्यों में काफी योजनाएं चलाई जा रही हैं. किसान लोन, फसल बीमा, मुआवजा और अनुदान जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही है. किसानों के आर्थिक संबल के लिए केंद्र सरकार ने भी दर्जनों योजनाएं चलाई हैं, लेकिन राज्य सरकार के सहयोग से किसानों का जीवनस्तर और भी सुधर रहा है.
इस लेख के माध्यम से हम आपको राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप इनका लाभ उठा सकते हैं.
कटाई उपरांत प्रबंधन के लिए अनुदान
मध्य प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए एकीकृत बागवानी मिशन (MIDH) योजना की शुरुआत की है. इसमें कटाई के उपरांत प्रबंधन के तहत आने वाले कोल्ड रूम, शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज), कोल्ड चेन की मॉर्डनाइजेशन, रिफर वेन, फसल पकने वाला चेंबर, इंटीग्रेटेड पैक हाउस विद फेसिलिटी फॉर कनवेयर बेल्ट, शार्टिंग, ग्रेडिंग, वॉशिंग, ड्राईंग एंड वेजिंग जैसी सुविधाओं के लिए अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना की आवेदन तिथि 22 जनवरी तक है.
सोलर ड्रायर पर सब्सिडी
आज के आधुनिक समय में ड्राई वेजिटेबल्स का चलन बढ़ता जा रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार ने गोदानों में सोलर ड्रायर उपलब्ध करवाने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ के धमधा और पत्थल गांव से की जा रही है. यहां पर टमाटर का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है. किसान सेलर ड्रायर के माध्यम से टमाटर को सुखाकर बाजार में आसानी से बेच सकते हैं. इस इनोवेशन से ना सिर्फ उपज की लाइफ बढ़ेगी, बल्कि इसकी मार्केटिंग से किसान ज्यादा फल, सब्जियों का उत्पादन कर सकेंगे.
ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों पर अनुदान
हरियाणा सरकार खेती में मशीनीकरण को प्राथमिकता दे रही है. इस कड़ी में पानीपत जिले में किसानों को 30 ट्रैक्टर सब्सिडी पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इसके साथ-साथ राज्य सरकार ने किसानों को 55 तरह के कृषि यंत्रों पर भी सब्सिडी देने की योजना की पहल की है. इसके लिए हरियाणा राज्य के किसान 31 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं.
पशुपालन में अनुदान
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के व्यापार एवं उद्योग केन्द्र ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्यपालन और सूअरपालन जैसी गतिविधियों के लिए 20 लाख रुपये तक की लागत निर्धारित की है. आप अगर 18 साल या उससे अधिक साल के हैं तो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. चुने गए लाभार्थी को परियोजना की लागत पर 15 से 35 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा.
धान, दलहन और तिलहन की खरीद
कई राज्यों में खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान धान, दलहन, तिलहन आदि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है. इसी कड़ी में राजस्थान के किसानों से दाल और तिलहन फसलों का सरकार द्वारा क्रय किया जा रहा है.
हाल ही में राज्य सरकार ने दलहन और तिलहन की खरीद की सीमा को भी 20 प्रतिशत बढ़ा दिया था. इससे राज्य के 14 जिलों के 108 केंद्रों पर दलहन-तिलहन बेचने वाले 11,562 किसानों को फायदा होगा. किसान अपना रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द करवा सकते हैं.
छत्तीसगढ़ में भी 1 नवंबर से अभी तक धान की खरीद जारी है. राज्य सरकार के अनुसार यहां के किसानों से 31 जनवरी तक धान खरीद सकते हैं.