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Updated on: 31 March, 2020 12:00 AM IST

यह बात सबको पता है कि देश के छोटे किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि बाजार मूल्य के अनुकूल होने तक वें अपने उत्पादों को अपने पास रख सकें. देश में कृषक समाज को उनके उत्पाद को कम कीमत से बचने से रोकने और वैज्ञानिक भंडारण उपलब्ध करने के साथ-साथ उन्हें उनके उत्पाद को मजबूरन प्रतिकूल बाजार भाव पर गरजू में बिक्री किए बिना ही अपेक्षित लोन उपलब्ध कराने की जरूरत को महसूस किया जाता रहा है. इन्हीं बातों के मद्देनजर नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण भंडारण योजना को लाया गया.

ग्रामीण भंडारण योजना का उद्देश्य (Purpose of rural storage scheme)

किसानों के कृषि उत्पादों, संसाधित कृषि उत्पादों और कृषि निविष्टियों के लिए धारक आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु अनुषंगी सुविधाओं के साथ वैज्ञानिक भंडारण का सृजन.
कृषि उत्पादों की बाजार में बिक्रेयता में सुधार के लिए ग्रेडिंग, मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ावा देना.
गिरवी वित्तपोषण और विपणन ऋण की सुविधा प्रदान कर फसल की कटाई के तुरंत बाद को गरजू बिक्री को रोकना.
भंडारण में रखी कृषि वस्तुओं के संबंध में परक्राम्य रसीदों की राष्ट्रीय व्यवस्था शुरू कर देश में कृषि विपणन आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करना.
निजी और सहकारी क्षेत्र को देश में भंडारण आधारभूत सुविधाओं में निवेश के लिए बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में निवेश के गिरावट की प्रवृति की दिशा को मोड़ना.

ग्रामीण भंडारण योजना का लाभ (Benefits of rural storage scheme)

व्यक्ति
किसान / किसानों के समूह / उत्पादकों के समूह
साझेदारी / स्वाधिकारी फर्म्स
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ)
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)
कंपनियां और निगम
सहकारी संस्थाएं
नगरपालिका से इत्तर स्थानीय निकाय
महासंघ
कृषि उत्पाद विपणन समितियां (एपीएमसी)
पूरे देश में विपणन बोर्ड और कृषि प्रसंस्करण निगम
गोदामों के नवीकरण हेतु सहायता फिलहाल सहकारी संस्थाओं द्वारा निर्मित ग्रामीण गोदामों तक ही सीमित है.

ग्रामीण भंडारण योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी (Subsidy given under rural storage scheme)

उद्यमियो और इन समुदायों से सम्बन्धित सरकारी संगठनों तथा पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण के लिए पूंजी लागत की एक तिहाई रकम सब्सिडी के रूप में दी जाएगी.
किसानों को सभी श्रेणियों, कृषि स्नातकों तथा सहकारी संगठनों से सम्बिद्ध सम्पूर्ण परियोजना की पूंजी लागत पूंजी का 25%  सब्सिडी  के रूप में दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा 2.25 करोड़ रुपये होगी.

अन्य सभी श्रेणियों के लोगों, कंपनियों और निगमों आदि को प्रोजेक्ट की रकम से 15% सब्सिडी दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा 1.35 करोड़ रुपये होगी.

इसके अलावा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) की मदद से की जा रही गोदामों की मरम्मत की लागत की 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.

नाबार्ड ग्रामीण भंडारण योजना ( Rural storage scheme) से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए आप https://bit.ly/33ZnUlV पर  विजिट सकते है.

ग्रामीण भंडारण योजना से संबन्धित जानकारी के लिए संपर्क विवरण

विपणन और निरीक्षण निदेशालय

दूरभाष: - 0129-2434348
ई-मेल: - rgs-agri@nic.in

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
दूरभाष : - 022-26539350
ई-मेल: - icd@nabard.org

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC)

दूरभाष: - 011-26565170
ई-मेल: - nksuri@ncdc.in

English Summary: Farmer Scheme: Subsidy 25% of NABARD paying cost capital under rural storage scheme
Published on: 31 March 2020, 02:42 IST

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