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Updated on: 2 December, 2020 12:00 AM IST
Farmer

वर्षा आधारित क्षेत्रों में भारत की लगभग 57 प्रतिशत कृषि भूमि है. ये क्षेत्र लाखों लोगों के लिए पारिस्थितिकी (Ecology), कृषि उत्पादकता और आजीविका के मामले में विशेष महत्व रखते हैं. उचित प्रबंधन के साथ, बारिश आधारित ये क्षेत्र खाद्यान्न उत्पादन में बड़ा योगदान देते हैं. वास्तव में यह क्षमता ऐसी है कि सिंचित क्षेत्रों की तुलना में यहां तेजी से और अधिक कृषि विकास के अवसर पैदा किए जा सकते हैं. रेनफेड एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (RADP) एक ऐसा क्षेत्र विकास कार्यक्रम है जो राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) का ही भाग है. यह प्रोग्राम विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए है जो किसानों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए चल रहा है. 

रेनफेड एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के लक्ष्य और उद्देश्य (The goals and objectives of the Rainfed Area Development Program)

वर्षा आधारित क्षेत्रों की कृषि प्रणाली अपनाकर कृषि उत्पादकता को टिकाऊ तरीके से बढ़ाना ही इस प्रोग्राम का लक्ष्य है. विविध और समग्र कृषि प्रणाली के माध्यम से सूखे, बाढ़ या असमान वर्षा वितरण के कारण फसल के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जाता है. कृषि की उन्नत तकनीकों और खेती के तरीकों के माध्यम से निरंतर रोजगार के अवसरों का निर्माण करना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. 

इस योजना का व्यापक उद्देश्य क्या है? (The broad objectives of this scheme are)

  • टिकाऊखेती प्रणाली (Sustainable Agriculture Farming) आधारित दृष्टिकोण अपनाकर एक स्थायी तरीके से वर्षा आधारित क्षेत्रों की कृषि उत्पादकता और उत्पादन में वृद्धि करना है. 

  • किसानों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को कृषि रिटर्न को अधिकतम करने के लिए गतिविधियों का पूरा पैकेज दिया जाना.

  • विविध और समग्र खेती प्रणाली (Diversified and Integrated farming system) के माध्यम से सूखा, बाढ़ या असमान वर्षा वितरणपरिस्थिती की वजह से फसल की विफलता के प्रभाव को कम करना. 

  • पर कृषि प्रौद्योगिकियों (Agricultural Technologies) और खेती के तरीकों में सुधार के माध्यम से निरंतर रोजगार के अवसर पैदा करना.

  • कृषि पर उन्नत तकनीकों और खेती के तरीकों के माध्यम से निरंतर रोजगार के अवसरों का निर्माण करके वर्षा आधारित कृषि में विश्वास की बहालीकरना. 

  • वर्षा आधारित क्षेत्रों में गरीबी में कमी के लिए किसान की आय और आजीविका में वृद्धि करना.

  • उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तनशीलता के साथ जुड़े जोखिम को कम करना.

रेनफेड एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम की रणनीति (Strategy of Rainfed Area Development Program)

रणनीति में बहु-फसल (multi-cropping), फसल बदलाव (rotational cropping), अंतर-फसल (inter-cropping), मिश्रित-फसल (mixed-cropping) के साथ-साथ संबन्धित गतिविधियों (बागवानी, पशुधन आदि) पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. 

आरएडीपी प्रोग्राम निम्न पर केंद्रित है ( RADP program focuses on)

  • न्यूनतम जुताईक्रिया

  • मछली पालन, कृषि, मशरूम आदि मौजूदा आय सृजन गतिविधियों का समर्थन करना, पूरक गतिविधियों का संचालन करना जैसे तालाबों का निर्माण, भूमि उपचार, कुओं, पंपों की आपूर्ति आदि.

  • उपलब्ध या निर्मित सामान्य संसाधनों की क्षमता का उपयोग करने के लिए एक क्लस्टर दृष्टिकोण को अपनाना.

कृषि उपज के लिए बेहतर रिटर्न की सुविधा के लिए मूल्य संवर्धन और भंडारण संरचनाओं के लिए समर्थन. 

रेनफेड एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम में वित्तीय सहायता (Financial Assistance in Rainfed Area Development Program)

किसानों को एक लाख रुपए के वित्तीय संसाधन शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में और  80,000 रुपए उप-आर्द्र और आर्द्र क्षेत्रों के लिए प्रदान किए जाएंगे. इस राशि में वॉटर टैंक और पॉलीहाउस के निर्माण शामिल नहीं है.

योजना में शामिल किए गए क्षेत्र का चयन (Selection of area covered by the scheme)

  • 60% से कम सिंचित क्षेत्र वाले जिले इसमें शामिल है.

  • वाटरशेड विकास योजनाओं के तहत पहले से विकसित क्षेत्र.

  • वे क्षेत्र जहां मनरेगा आदि के तहत जल संसाधन विकसित किए गए हैं.

  • नई जल योजनाओं के तहत विकसित किए जा रहे क्षेत्र.

  • यह कार्यक्रम उन सभी वर्षा आधारित क्षेत्रों में लागू किया जाएगा, जिनमें खेती योग्य भूमि के बड़े क्षेत्र हैं और जिनमें कृषि उत्पादकता बढ़ाने की क्षमता है.

English Summary: Detailed information of Rainfed Area Development Program RADP
Published on: 02 December 2020, 05:49 IST

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